Gyanvapi-Kashi Vishwanath Case: मुस्लिम पक्षकारों ने रमजान के महीने के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर वुजू (Wuzu) करने की अनुमति के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का रुख किया है. इस मुद्दे का जिक्र वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने गुरुवार (6 अप्रैल) को मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष किया. जो 14 अप्रैल को मामले को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुए. 


ज्ञानवापी विवाद तब उठा था जब हिंदू भक्तों ने ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के अंदर पूजा करने के अधिकार का दावा करते हुए एक सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. उनका कहना था कि ये एक हिंदू मंदिर था और अभी भी हिंदू देवताओं का घर है. 


मस्जिद का किया गया था सर्वे


इसके बाद सिविल कोर्ट ने मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश दिया था. फिर मस्जिद का वीडियोग्राफी सर्वे हुआ और सिविल कोर्ट को एक रिपोर्ट सौंपी गई. सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर, हिंदू पक्ष ने दावा किया था कि साइट पर खोजी गई वस्तु शिवलिंग है. हालांकि, मुस्लिम पक्षकारों ने इस पर विवाद किया और कहा कि यह केवल एक पानी का फव्वारा है. 


केस जिला कोर्ट को ट्रांसफर किया गया


इस बीच मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए 20 मई को सुप्रीम कोर्ट ने ये केस जिला कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया था. वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद पर कब्जे के अधिकार की मांग करने वाले हिंदू पक्ष की ओर से दायर याचिका को सुनवाई योग्य पाया. अंजुमन इंतेज़ामिया मस्जिद की प्रबंधन समिति की ओर से हाई कोर्ट के समक्ष इस निर्णय के खिलाफ अपील की गई थी. 


एएसआई के महानिदेशक को लगी फटकार


हाई कोर्ट ने एएसआई के महानिदेशक से कार्बन डेटिंग, ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और ज्ञानवापी मस्जिद में विवादित वस्तु की उम्र निर्धारित करने के अन्य तरीकों पर अपनी राय प्रस्तुत करने के लिए कहा था और पूछा था कि क्या वस्तु को नुकसान होगा. इस केस की सबसे ताजा अपडेट में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को एएसआई के महानिदेशक को कोर्ट के निर्देशानुसार अपना जवाब दाखिल करने में विफल रहने के लिए फटकार लगाई थी. 


सुप्रीम कोर्ट सुनेगा हिंदू पक्ष की याचिका


वहीं सुप्रीम कोर्ट 21 अप्रैल को हिंदू पक्षकारों की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें वाराणसी की एक अदालत के समक्ष लंबित विवाद से संबंधित सभी मुकदमों को समेकित करने की मांग की गई है. 


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