PFI Ban: 'युवाओं के दिमाग में जहर भरने का किया काम'- मुंबई में मुस्लिम संगठनों ने पीएफआई पर कार्रवाई को ठहराया सही
PFI Ban: मुंबई में मुस्लिम संगठनों ने पीएफआई पर की गई कार्रवाई को सही ठहराया है और कहा है कि देश के युवाओं को गलत रास्ता दिखाया गया. ये देश हमारा है और हमें इसे साफ सुथरा रखना है.
PFI Ban: देश में पीएफआई पर बैन लगने के बाद मुंबई (Mumbai) शहर में अन्य मुस्लिम संगठनों (Muslim Organizations) ने इस कार्रवाई को सही ठहराया है और अपने धर्म के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू किया है. संगठनों का कहना है कि युवाओं को गलत राह दिखाई गई, उनसे कहा गया कि उनका भविष्य इस देश में सुरक्षित नहीं है. पीएफआई (PFI) ने युवाओं के दिमाग में जहर भरने का काम किया और बताया कि जो संगठन कहेगा, वही उन्हें करना होगा.
सूफी इस्लामिक बोर्ड (Sufi Islamic Board) ने युवाओं में अच्छा संदेश पहुंचाने के लिए एक मीटिंग का आयोजन किया, जिसमें बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंसूर खान ने एबीपी न्यूज को बताया कि 1985 के बाद देश में ऐसा माहौल बनाया गया था जहां मुस्लिम समाज (Muslim Youths) के युवाओं को गलत संदेश देकर उन्हें गलत राह दिखाई गई. मंसूर खान ने कहा कि ये देश हमारा पहला घर है. हम जैसे अपने घर को साफ रखते हैं वैसे ही देश भी हमारा घर है और देश में युवाओं की सोच साफ होनी जरूरी है. देश में युवा किसी गलत सोच के साथ नही रह सकते हैं.
पीएफआई पर की गई कार्रवाई बिल्कुल सही है
सूफी इस्लामिक बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार ने जो पीएफआई संगठन के खिलाफ कड़ी करवाई की है, वह बिल्कुल सही है. ऐसे संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करना बेहद जरूरी है. उन्होंने बताया कि हमारा संगठन पिछले तीन साल से इस दिशा में निरंतर काम कर रहा है कि युवा आतंकवादी सोच, गलत सोच के झांसें में ना आएं. हमारा संगठन लोगों को अच्छा संदेश देने की कोशिश कर रहा है. लोगों को जागरूक कर रहा है.
युवाओं के मन में जहर भरा गया
सूफी इस्लामिक बोर्ड के प्रवक्ता फैसल बनारसवाला ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि साल 2018 में एक प्रेस कांफ्रेंस रखा गई था, जहां इस्लामोफोबिया का एजेंडा चलाया गया था. दुनिया के 57 इस्लामिक देशों के साथ मिलकर यह एजेंडा तयार किया गया था. इस एजेंडा में बताया गया था कि भारत में मुसलमान खतरे में है. लेकिन जब हमें इस बारे में जानकारी मिली तो हमारा सवाल था कि इस्लाम कैसे खतरे में हो सकता है? हम इस एजेंडे के खिलाफ थे. जब भी देश में हिंदू- मुस्लिम विवाद होता था तो युवाओं के मन में यह बात बैठाई जाती थी कि ये झगड़े मुस्लिमों को टारगेट करने के लिए किए जा रहे हैं.
बनारसवाला ने कहा कि आज सरकार ने जो पीएफआई को बैन कर उसके खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं उसकी सख्त जरूरत थी क्योंकि यह संगठन युवाओं में डर फैलाने का काम करते थे. हमारा मानना है के इस्लाम या मुसलमान भारत में कभी खतरे में ना था और ना ही है, क्योंकि पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सुरक्षित मुसलमान केवल भारत में हैं. हम युवाओं को बस यही संदेश देना चाहते हैं कि आपको कई लोग ब्रेनवाश करने के लिए मिलेंगे लेकिन हम सलाह देंगे के कोई भी संगठन से जुड़ने के पहले उसकी अच्छे से जांच पड़ताल कर के और जानकारी प्राप्त कर लें. उसके बाद ही किसी संगठन से जुड़ें.
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