मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यक्रम में CAA-NRC को लेकर हंगामा, उलेमाओं की बैठक बुलाई गई थी
देशभर में नागिरकता संशोधन कानून को लेकर विरोध हो रहा है. इस बीच आज मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने उलेमाओं के साथ बैठक बुलाई थी. इस बैठक के दौरान हंगामा हो गया. लोगों ने एनआरसी और सीएए को लेकर नारेबाजी की.
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देशभर में हो रहे विरोध के बीच मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने उलेमाओं के साथ बैठक बुलाई. इस बैठक में कुछ लोगों ने हंगामा किया. हंगामा करने वाले अपने हाथों में सीएए एनआपसी वापस लो वाले पर्चा थामे थे. उन्होंने नारे भी लगाए. इस दौरान मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संरक्षक आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार भी मौजूद थे.
दोपहर 2 बजे दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में उलेमा कांग्रेस बुलाई गई थी. इसमें देशभर के 200 से अधिक उलेमा और धर्मगुरुओं को बुलाया गया था. इस बैठक में इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत की संसद में सीएबी को पेश किया गया तो अब सीएए बन गया है. इसे अब बदला नहीं जाएगा और वापस लेने का सवाल भी नहीं उठता. हर देश में विदेशियों को लेकर कानून है. पहले 11 साल में भारत की नागरिकता मिल जाती थी जिसे अब घटाकर छह साल कर दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान कांग्रेस की कोख से जन्मे देश हैं.
#WATCH Delhi: A group of protesters created ruckus at an event of Muslim Rashtriya Manch, by showing banners and raising slogans against #CitizenshipAmendmentAct and NRC. RSS leader Indresh Kumar was also present on the stage. pic.twitter.com/8WWstcnvaG
— ANI (@ANI) January 16, 2020
वहीं सुप्रीम कोर्ट के वकील सिराज कुरैशी ने कहा कि इस कानून को समझने में गलती हुई है. ये कानून नया नहीं है. ये 1955 का कानून है. नइस संसोधन में ऐसा कोई भी प्रोविजन नहीं हैं कि भारतीय मुसलमानों की नागरिकता को खतरा हो. इस देश में छह अल्पसंख्यक हैं. मुसलमान, सिख, बौद्ध, जैन, क्रिश्चियन आदि. लेकिन बहुसंख्यक होने के बाद भी हिन्दुओं के साथ जम्मू कश्मीर में जुल्म हुआ. लेकिन तब किसी ने आवाज नहीं उठाई कि कश्मीरी पंडितों और डोगरा पर जुल्म क्यों हुआ?