Muslim Scholar On Islam Religion: दिल्ली में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 34वें अधिवेशन में मौलान अरशद मदनी ने कई ऐसे बयान दिए जिनपर बवाल मचा हुआ है. उनके विवादित बयानों लिस्ट लंबी है. मौलाना अरशद मदनी ने दावा किया कि भारत का सबसे पहला धर्म इस्लाम है और हर जगह की मिट्टी लेकर अल्लाह ने आदम यानी मनु की औलाद को बनाया. उनके इस बयान से मुस्लिम स्कॉलर इत्तेफाक नहीं रखते हैं.
मुस्लिम स्कॉलर मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि मौलाना अरशद मदनी साहब ने जो बयान दिया है उससे हमें इत्तेफाक नहीं है, क्योंकि उनका बयान हकीकत के खिलाफ है. इस्लाम हिंदुस्तान का नया मजहब है.
'यहां पहले से कई मजहब मौजूद थे'
मुस्लिम स्कॉलर ने आगे कहा, "भारत में जब इस्लाम आया तो उससे पहले कई मजहब यहां पर मौजूद थे... मिसाल के तौर पर बौद्ध, जैन और आर्यन यहां के मजहब हैं और इस्लाम बहुत बाद में आया. भारत में इस्लाम नया मजहब है." शहाबुद्दीन रिजवी ये भी बताया कि भारत में इस्लाम आक्रांताओं के साथ ही आया था.
उन्होंने कहा कि भारत देश में इस्लाम की नींव गौरी खानदान ने रखी. उन्होंने यहां इस्लामी हुकूमत कायम की. रिजवी ने बताया कि गौरी खानदान ने पहले लौहार फिर दिल्ली, अजमेर और आज जो बांग्लादेश है वहां के कई इलाकों को अपने कब्जे में लिया और अपनी रियासत शुरू की. उन्हीं के साथ भारत में इस्लाम की शुरुआत हुई थी.
ओम और अल्लाह पर क्या बोले मुस्लिम स्कॉलर
शहाबुद्दीन रिजवी ने अरशद मदनी के 'ओम और अल्लाह एक है' वाले बयान पर भी प्रतिक्रिया दी है. रिजवी ने कहा कि उनका ये बयान भी बिल्कुल गलत है. ओम और अल्लाह दोनों ही अलग हैं शब्द हं जिसके अर्थ भी अलग-अलग हैं. ओम तीन अक्षरों से हुआ एक शब्द है जो तीन देवताओं का अवतार है. वहीं अल्लाह एक अलग शब्द है. ये अरबी का शब्द है और इसी को फारसी शब्द में खुदा कहते हैं. इन दोनों शब्दों के अनुयायी भी अलग-अलग मजहब के लोग हैं. इन दोनों को साथ में जोड़कर देखना या समझना बहुत बड़ी गलती है.
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