राजीव धवन को मुस्लिम पक्ष ने अयोध्या केस से हटाया, वकील ने कहा- मुझे 'अस्वस्थ' बताना बकवास
वकील राजीव धवन को अयोध्या मामले से हटा दिया गया है. वह मुस्लिम पक्ष के वकील थे.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से जमीयत-उलेमा-ए हिंद वकील रहे राजीव धवन को केस से हटा दिया गया है. अब जमीयत-उलेमा-ए हिंद की तरफ से अयोध्या भूमि विवाद में आए फैसले के खिलाफ दायर रिव्यू पिटिशन में धवन बहस का हिस्सा नहीं होंगे.
राजीव धवन ने आज सोशल मीडिया पर लिखा है कि उन्हें बाबरी मस्जिद मामले में एडवोकेट एजाज मकबूल द्वारा बर्खास्त किया गया है जो जमीयत का प्रतिनिधित्व कर हैं. अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा,''अब रिव्यू पिटिशन या इस मामले में किसी भी सुनवाई में मैं शामिल नहीं हूं. मुझे सूचित किया गया है कि श्री मदनी ने संकेत दिया था कि मुझे मामले से हटा दिया जाए, क्योंकि मैं अस्वस्थ हूं. यह बिलकुल बकवास है.जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते है लेकिन वजह दी गई है वो गलत है.''
बता दें कि अयोध्या जमीन विवाद की सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ वकील राजीव धवन की खासी चर्चा रही थी. राजीव धवन सुप्रीम कोर्ट में सीनियर वकील हैं. राजीव के पिता शांति स्वरूप धवन न्यायाधीश, यूके में भारत के राजदूत, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और लॉ कमीशन के सदस्य रह चुके हैं. आपको बता दें कि राजीव ने इलाहाबाद और नैनीताल से शुरुआती पढ़ाई की थी.
इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय, कैंब्रिज विश्वविद्यालय और लंदन विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. वे इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट के भी प्रोफेसर हैं. 1992 में मंडल और फिर 1994 में अयोध्या मामले में उनकी जिरह से प्रभावित होकर उन्हें सुप्रीम कोर्ट का वरिष्ठ वकील बनाया गया था.
नक्शा फाड़ दिया
अयोध्या मामले पर सुनवाई के दौरान एक नाटकीय मोड़ आया जब अखिल भारतीय हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने सुनवाई के दौरान एक किताब का हवाला देना चाहा. मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने उसे रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं बता कर विरोध किया.
इसके बाद सिंह ने एक नक्शा रखा. धवन ने इसका भी विरोध करते हुए हिंदू महासभा के वकील की तरफ से दी गई नक्शे की कॉपी को फाड़ दिया.