ओडिशा: ओडिशा में नयागढ़ जिले के 19 साल के मुस्लिम छात्र ने जगन्नाथ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की है. सुप्रीम कोर्ट का रुख करनेवाला आफताब हुसैन बीए अर्थशास्त्र का छात्र है. उसे सोशल मीडिया पर राज्य का दूसरा सलाबेग कहा जा रहा है. आफताब हुसैन ने कहा है कि उसके पिता भी भगवान के भक्त थे.
मुस्लिम छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
छात्र ने अपने अधिवक्ता पी के महापात्रा के जरिये सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की है. उसने सुप्रीम कोर्ट से जगन्नाथ यात्रा पर दिए अपने फैसले पर फिर से गौर करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को कहा था कि जन स्वास्थ्य और नागरिकों के हितों की रक्षा के मद्देनजर इस साल 23 जून को ओडिशा के पुरी में निर्धारित यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती. 'अगर हमने इसकी अनुमति दी तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे.'
जगन्नाथ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले पर गौर करने की अपील
हुसैन ने अपनी याचिका में खुद को बचपन से ही भगवान जगन्नाथ से प्रभावित होने की बात कही है. उसका कहना है कि उसके दिवंगत दादा मुलताब खान भी भगवान के भक्त थे. हुसैन ने बताया कि उसके दादा ने 1960 में इतामती में त्रिनाथ (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) मंदिर का निर्माण कराया था और उसके परिवार ने जगन्नाथ की मूर्ति की पूजा करने से कभी नहीं रोका. उसने खुद को 'ब्रह्माण्ड के भगवान' के प्रति आस्थावान बताया. उसने बताया, 'मैंने कभी मंदिर के दर्शन नहीं किये क्योंकि मुझे इसकी अनुमति नहीं है. एक इंसान होने के नाते मेरा मानना है कि ब्रह्माण्ड का रचनाकार एक ही है.' हुसैन समेत 21 अन्य संगठनों ने यात्रा पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार करने के लिये अर्जी दाखिल की है, जिन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने की उम्मीद है.
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