राजस्थान में एक मुसलमान छात्र नदीम खान ने जीता गीता कॉंन्टेस्ट निबंध लेखन
नदीम खान बेहद गरीब परिवार से ताल्लुकात रखता है और वो एक मजदूर का बेटा है.
जयपुर: एक ऐसे समय में जब देश में सांप्रदायिक माहौल खराब होने की बातें कही जा रही हैं. बीते दिनों राजस्थान के राजसमंद में सांप्रदायिक नफरत की वजह से एक मुसलमान मजदूर का कत्ल कर दिया गया. उसी राजस्थान से अब एक सांप्रदायिक सौहार्द की बेमिसाल खबर आई है. एक मुस्लिम छात्र ने एक राज्यस्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता जीती है. प्रतियोगिता संस्कृत में निबंध लेखन की थी.
राजस्थान गीता कॉंन्टेस्ट जीतने वाले छात्र का नाम है नदीम खान. इस बड़ी उपलब्धि से नदीम खान फूले नहीं समा रहे हैं और उन्हें इसपर गर्व है. प्रतियोगिता जीतने पर नदीम ने बताया, "मेरे लिए संस्कृत भाषा बाकी भाषाओं से अलग है. मुझे ये भाषा अच्छी लगती है. जिसकी वजह से मैं इस भाषा को अपने दोस्तों के साथ कक्षा में बात करते वक्त इस्तेमाल करना चाहता हूं, लेकिन शिक्षक जब खुद नहीं बात करते तो मुझे भी बात करने में असहज महसूस होता है."
नदीम बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं और उसके पिता मजदूर हैं. वो अभी दसवीं का छात्र है और उसे संस्कृत में बहुत दिलचस्पी है. नदीम आगे कहते हैं, "मेरा एग्जाम है, इसलिए अवॉर्ड समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगा. मेरा अवॉर्ड लेने मेरे माता-पिता और दादी जाएंगे."
राजस्थान में 'गीता फेस्ट' की प्रतियोगिता अक्षय फॉउंडेशन ने कराई थी. इस प्रतियोगिता के अलग-अलग फार्मेट्स में दो और दूसरे मुस्लिम छात्राओं ने शीर्ष स्थान प्राप्त किेए हैं. जिसमें एक कक्षा 2 की छात्रा है जिनका नाम ज़हीन नकवी है और वहीं दूसरी का नाम जोराबिया नागोरी है, जो कक्षा 4 की छात्रा है. इसमें करीब 8,000 बच्चों ने भाग लिया था जो राजस्थान के 200 स्कूलों से थे. राजस्थान के शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने आज विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये.
जहीन नकवी के पिता तनवीर अहमद पेशे से स्वास्थ विभाग में कर्मचारी हैं. जहीन के पिता तनवीर कहते हैं कि उनकी बेटी ने रात-दिन बहुत मेहनत की जिसका उसे परिणाम मिला है.