नई दिल्ली: बजट में इस बार टैक्स देने वालों के लिए कुछ राहत की खबर थी. पर साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने टैक्स चोरों की अच्छी खासी खबर ली. वित्त मंत्री ने आंकड़े जारी करते हुए बता दिया है कि टैक्स चोरों पर उनकी निगाहें हैं.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण पढ़ते हुए टैक्स पेयर्स को भरोसा दिया कि उन्हें घबराने की जरूरत नहीं हैं. बजट में टैक्स चोरों के कारनामे डंके की चोट पर उजागर किए हैं.


टैक्स चोरों की पोल खोलने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली पूरी तैयारी के साथ आए थे. उन्होंने बात शुरू करने से पहले पानी का गिलास उठाया, पानी पिया और फिर हो गए शुरू.


कुल 5.6 करोड़ कंपनियां बिजनेस कर रही हैं, जबकि सिर्फ 1.81 करोड़ कंपनियां और फर्म रिटर्न फाइल करती हैं. 13.94 लाख कंपनियां रजिस्टर्ड हैं लेकिन सिर्फ 5.97 लाख कंपनियों ने रिटर्न फाइल किया. 5.97 लाख कंपनियों ने रिटर्न फाइल किया, इनमें से 2.69 लाख कंपनियों ने आमदनी जीरो या घाटा बताया.


वित्त मंत्री अरुण जेटली ने व्यक्तिगत आंकड़ों का भी खुलासा किया है. देश में वोटर हैं 82 करोड़ के करीब. इनमें से सिर्फ 3.7 करोड़ लोगों ने साल 2015-16 में रिटर्न फाइल किया. रिटर्न फाइल करने वाले 3.7 करोड़ हैं पर 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख रुपये से काम सालाना आमदनी बताई है. इन 3.7 करोड़ लोगों में से 1.95 करोड़ लोग ऐसे थे जिन्होंने 2.5 से 5 लाख इनकम दिखाई. जबकि 52 लाख लोगों ने 5 से 10 लाख की आमदनी सरकार को बताई.


24 लाख लोगों ने 10 लाख से ऊपर की आमदनी का खुलासा किया. कुल 76 लाख लोगों ने 5 लाख से ऊपर की आमदनी सरकार को बताई है इनमें से 56 लाख नौकरीपेशा लोग हैं. यानी 82 करोड़ वोटरों में सिर्फ दुकान चलाने वाले, बिजनेस चलाने वाले, और प्रोफेशनल लोगों को मिलाकर सिर्फ 20 लाख लोग हैं जो 5 लाख से ज्यादा की आमदनी दिखाते हैं.

देश में 50 लाख से ज्यादा की आमदनी दिखाने वाले सिरफ 1.72 लाख लोग हैं. जबकि पिछले पांच साल में 1.25 करोड़ कार बिकी हैं यानी हर साल औसतन 25 लाख कारें बिकती हैं. विदेशों में गए भारतीय टूरिस्टों की संख्या 2 करोड़ है.


सरकार को दिखाई दे रहा है कि बड़ा हिस्सा टैक्स चोरों का है जो सरकार से अपनी आमदनी छिपाते हैँ. सरकार ने संकेत दे दिया है कि उनकी निगाह हर टैक्स चोर पर बनी हुई है.


टैक्स चोर अपनी आदमनी छिपा कर अमीर होते जाते हैं और जो पैसा देश के विकास में खर्च होना चाहिए वो उनके घर में खर्च होता है. सरकार को अंदाजा हो गया है कि टैक्स चोरी किस हद तक फैली है अब जरूरत है इन टैक्स चोरों पर कड़ा डंडा चला कर सभी से कानून का पालन करवाया जाए. हाल की नोटबंदी का एक आंकड़ा चौंकाने वाला है कि उस दौरान पर्सनल टैक्स कलेक्शन में 34 फीसद की बढ़ोतरी हुई. यानी सख्ती की तो लोगों ने तभी पालन किया.