मेहसाणा: गुजरात के मेहसाणा में एक गांव ऐसा हैं जहां इंसान ही नहीं बल्कि कुत्ते भी करोड़पति हैं. ये बात सुनने में अजीब जरुर लगेगी, लेकिन सच है. ये मामला जिले के पंचोत गांव है. ये कुत्ते गांव में एक ट्रस्ट के नाम की जमीन से करोड़ों रुपए अपने नाम करते हैं. इस गांव की जमीनों के दाम पिछले एक दशक से आसमान छू रहे हैं.


कुत्ते कैसे बने करोड़पति?

दरअसल दशकों पहले जब इस गांव को बसाया गया था तो लोगों ने कुत्तों को बिना फसल वाली अपनी जमीन दान में देने की शुरुआत की थी. इतना ही नहीं गांववाले अपनी गेंहूं की फसल का कुछ हिस्सा भी कुत्तों के खाने-पीने के लिए खर्च करते थे. दशकों बाद ये परंपरा अब भी जारी है.

इतना ही नहीं अगर गांव में किसी के परिवार में कोई मर भी जाता है तो वह भी पून्य कमाने के लिए अपनी जमीन का कोई टुकड़ा कुत्तों को दान कर देता है. ऐसे करते-करते आज कुत्तों के ट्रस्ट के पास करीब 35 बीघा जमीन जमा हो गई है, जिसकी कीमत करोड़ों रुपए है.

कैसे बढ़ी जमीन की कीमत?

दरअसल गांववालों ने जब कुत्तों को पालने के लिए अपनी जमीन दान दी थी तब इसका कोई भाव नहीं था. लेकिन अचानक मेहसाणा हाईवे का निर्माण होने से कुत्तों की जमीन की कीमत भी बढ़ गई. क्योंकि हाईवे इस जमीन के करीब से निकल रहा है. इतना ही नहीं हाईवे निकलने से गांव का विकास भी हो रहा है. ऐसे में गांव की जमीन के दाम आसमान छूने लगे हैं.

हाईवे के पास एक बीघा जमीन की कीमत करीब तीन करोड़ बताई जा रही है. ऐसे में कुत्तों की 35 बीघा जमीन का दाम करीब सौ करोड़ रुपए तक पहुंच गया है. इस हिसाब से एक कुत्ते के पास करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीन है.

'मध नी पति कुतारिया ट्रस्ट' के नाम है ये जमीन

गांव के अनौपचारिक ट्रस्ट 'मध नी पति कुतारिया ट्रस्ट' के रूप में जाना जाता है. हालांकि जमीन वास्तविक तौर पर कुत्ते के नाम नहीं है. लेकिन भूमि से पूरी आय, खेती के लिए सालाना नीलामी को अलग से कुत्तों के लिए रखा जाता है. कहा यह भी जाता है कि जिसने एक बार अपनी जमीन दान कर दी, वह फिर दोबारा उस जमीन पर अपना हक नहीं जमाता.