जम्मू: पीडीपी के वरिष्ठ नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मुज़फ्फर हुसैन बेग ने कहा है कि उनकी पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती के एक बयान का नतीजा यह हुआ कि जम्मू-कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. उन्होंने कहा कि कोई भी प्रधानमंत्री को, गृह मंत्री को या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को डरा धमका के कुछ भी हासिल नहीं कर सकता.


जम्मू में मीडिया से बात करते हुए मुज़फ्फर हुसैन बेग ने जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती के उस बयान पर सख्त आपत्ति जताई जो उन्होंने साल 2017 के जुलाई महीने में दिया था. तब महबूबा मुफ़्ती ने बीजेपी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि अगर जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के साथ छेड़छाड़ होती है तो भारत के झंडे को कश्मीर में कंधा देने वाला कोई नहीं होगा.


बेग ने दावा किया कि महबूबा मुफ़्ती ने यह बयान उनकी अनुपस्थिति में दिया था. उन्होंने कहा कि "मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ऐसे बयानों का ही नतीजा है कि जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को कम करके इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया. ऐसे बयान बयान नहीं दिए जाने चाहिये थे."


जम्मू-कश्मीर के पूर्व उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि ''अगर जम्मू और कश्मीर के लोगों को एकसाथ रहना है, अगर अपने हक़ के लिए बात करनी है तो वो बातचीत तहज़ीब के साथ होनी चाहिये.'' उन्होंने कहा कि ''कोई भी प्रधानमंत्री को, गृह मंत्री को या राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को डरा धमका के कुछ भी हासिल नहीं कर सकता.'' उन्होंने कहा कि ''भारत के एक सामान्य नागरिक होने के नाते अगर हमे कुछ दुख दर्द या तकलीफ है तो वो उनके (पीएम, गृह मंत्री या एनएसऐ) के सामने रखी जा सकती है. वो भी तो इंसान है, उनको भी जवाब देना होगा."


पीडीपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि ''जम्मू-कश्मीर के लोगों को नौकरियों में आरक्षण मिलना चाहिए और साथ ही पिछले पांच महीनों से हिरासत में जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं को जल्द से जल्द रिहा किया जाये.''


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