नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि हमले वाली जगह और जहाज पर पाए गए मलबे का विश्लेषण करने ड्रोन हमले का संकेत मिलता है और सभी विवरणों का पता लगाने के लिए आगे फॉरेंसिक और तकनीकी विश्लेषण की आवश्यकता होगी.
जहाज पर ड्रोन से किए गया था हमला
शनिवार को पोरबंदर से लगभग 217 समुद्री मील की दूरी पर 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले वाणिज्यिक जहाज पर एक ड्रोन हमला किया गया था, जिसके बाद भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज को सहायता प्रदान करने के लिए कई पोत तैनात किए.
अधिकारियों ने कहा कि वाणिज्यिक जहाजों पर हाल के हमलों के मद्देनजर, नौसेना ने क्षेत्र में अपनी प्रतिरोधक उपस्थिति बनाए रखने के लिए युद्धपोत आईएनएस मोर्मुगाओ, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस कोलकाता को तैनात किया है. उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान पी8आई को भी लगाया गया है.
तस्वीरों में दिखाई दे रहा नुकसान
नौसेना की ओर से किए गए विश्लेषण में पुष्टि हुई कि एमवी केम प्लूटो पर भारतीय समुद्र तट से 400 किलोमीटर दूर एक ड्रोन से नुकसान पहुंचा है. कई तस्वीरों में संदिग्ध ड्रोन हमले से जहाज के पिछले हिस्से को हुए नुकसान को दिखाया गया है.
अमेरिका ने क्या कहा?
एनडीटीवी के मुताबिक, पेंटागन ने दावा किया कि टैंकर जहाज को ईरान से दागे गए ड्रोन से निशाना बनाया गया. तेहरान की ओर से समर्थित हमास पर इजरायल के युद्ध की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब पेंटागन ने खुले तौर पर ईरान पर जहाजों को सीधे निशाना बनाने का आरोप लगाया.
यह हमला इजरायल-हमास युद्ध की शुरुआत के बाद से महत्वपूर्ण लाल सागर शिपिंग लेन पर यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की ओर से नए ड्रोन और मिसाइल हमलों की झड़ी के बीच हुआ, जिसमें समूह ने गाजा के साथ एकजुटता से काम करने का दावा किया है.
मुंबई में कंपनी प्रभारी ने दी आगे के संचालन की मंजूरी
मर्चेंट शिप कथित तौर पर सऊदी अरब के अल जुबैल बंदरगाह से न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर कच्चा तेल ले जा रहा था. एमवी केम प्लूटो को मुंबई में इसके कंपनी प्रभारी की ओर से आगे के संचालन के लिए मंजूरी दे दी गई है.
कार्गो के शिप टू शिप (एसटीएस) ट्रांसफर से पहले जहाज को विभिन्न निरीक्षण अधिकारियों की ओर से अनिवार्य जांच से गुजरना होगा. इसके बाद एमवी केम प्लूटो के क्षतिग्रस्त हिस्से की डॉकिंग और मरम्मत किए जाने की संभावना है.
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