मशहूर लेखक सलमान रुश्दी ने कहा- 'अपना नया नॉवेल लिखने के लिए भारत लौट सकता हूं '
सलमान रुश्दी ने बताया है कि उनका अगला नॉवेल भारत पर बेस्ड हो सकता है. रुश्दी की 1988 में लिखी गई नॉवेल 'The Satanic Verses' पर भारत में बैन लगा हुआ है.
मशहूर लेखक सलमान रुश्दी का अगला नॉवेल (उपन्यास) भारत पर आधारित हो सकता है और वो इसे लिखने के लिए एक बार फिर यहां लौट सकते हैं. न्यूयॉर्क में रह रहे रुश्दी ने रविवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम में खुद इस बात को लेकर जानकारी दी है. बता दें कि रुश्दी का जन्म भारत में ही हुआ था. साल 2012 के बाद रुश्दी ने पहली बार भारत के किसी लिटरेरी फेस्ट में हिस्सा लिया. 2012 के जयपुर लिटरेरी फेस्ट में एक विवाद के चलते वो उस से हट गए थे.
रविवार को टाइम्स लिटरेरी फेस्ट में सलमान रुश्दी ने वर्चुअल तौर पर हिस्सा लिया था. रुश्दी ने कहा, "पिछले दस सालों से में पश्चिमी देशों पर आधारित नॉवेल लिख रहा हूं. अब मैं एक ऐसी किताब लिखने जा रहा हूं जो पूरी तरह से भारतीय परिवेश पर बेस्ड होगी. जिसका मतलब है कि मुझे वहां आना पड़ेगा." बता दें कि रुश्दी की 1988 में लिखी गई विवादास्पद नॉवेल 'The Satanic Verses' पर भारत में बैन लगा हुआ है.
कई मामलों में झूठ से बिलकुल अलग होता है फिक्शन
फिक्शन के प्रति लेखक की ईमानदारी को लेकर रुश्दी ने कहा, "आप इस माहौल में खुद से बातें बना ही क्यों रहे हैं, जबकि पूरी दुनिया झूठ से भारी हुई है? मेरा मानना है कि कई मायनों में फिक्शन झूठ से बिल्कुल अलग होता है. लिट्रेचर का उद्देश्य, हम कौन हैं और क्यों हैं ये बताते हुए इंसानी सच्चाई की ओर जाना है. जबकि झूठ का एक ही उद्देश्य होता है और वो है सच को छिपाना. यहीं वजह है कि सत्ताधारी लोग हमेशा से ही लेखकों पर हमलावर रहे हैं."
मुंबई आना नहीं होता आसान
74 साल के सलमान रुश्दी ने इस कार्यक्रम में बताया, "मैं पिछली बार लगभग सात साल पहले मुंबई आया था. कई बार मेरे लिए यहां आना आसान नहीं होता है. कभी धार्मिक विरोध के चलते तो कभी सुरक्षा कारणों से ये मेरे लिए आसान नहीं रहा है. आप कोलाबा के भीड़भाड़ वाले इलाके में दोस्तों के साथ कॉफी पीने भी नहीं जा सकते. जब आपकी सुरक्षा में इतने लोग लगा दिए जाएं तो आम इंसान की तरह जिंदगी जीना आसान नहीं होता."
बता दें कि, रुश्दी खुद को 'बॉम्बे बॉय' बताने में बड़ी खुशी महसूस करते हैं. मुंबई के अलावा वो लंदन और न्यूयॉर्क में रहते आए हैं. हालांकि उनकी कहानियों में हमेशा ही मुंबई के ब्रीच कैंडी इलाके की अलग अलग तरीके से झलक देखने को मिलती है. ये वो ही जगह है जहां रुश्दी का बचपन बीता है.
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