Myanmar Coup 2023: पड़ोसी देश म्यांमार एक बार फिर राजनीतिक रूप से अस्थिर हो गया है. पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) ने जुंटा विरोधी ग्रुप के खिलाफ बगावत का ऐलान कर दिया. दोनों ग्रुपों के बीच इस सैन्य संघर्ष की वजह से वहां की जनता प्रभावित हो रही है. संघर्ष से जान बचाने के लिए 5 हजार से अधिक लोगों ने भारत में शरण ली है. शनिवार (18 नवंबर) को शरणार्थियों ने मीडिया से बात की और मिजोरम सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया.


म्यांमार के चिन राज्य में रहने वाली 25 वर्षीय खियानुनपर ने कहा, मैं 9 महीने की गर्भवती हूं, मुझे मेडिकल सहायता की जरूरत थी. मैंने यहां के एक स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया और वहां पर डॉक्टरों ने मुझको दवाएं दी. बाद में ये डॉक्टर और नर्स हमारे कैंप में मुझसे मिलने आए और मेरे स्वास्थ्य के बारे में मुझसे जानकारी इकट्ठी की. मिजोरम सरकार मुझे राशन भी दे रही है और मैं उनके काम से बहुत खुश हूं.






मिजोरम सरकार ने बनाए कई अस्थाई तंबू
मिजोरम के चंफाई जिले के जोखावथर क्षेत्र में 5 हजार म्यांमार शरणार्थियों में से छह शरणार्थी शिविरों में शरण ले रहे हैं, जो भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित है, उनमें कई महिलाएं और बच्चे भी हैं जो शिविरों में अस्थायी तंबू में रह रहे हैं.


भारत सरकार को डर है कि म्यांमार में चल रहा यह सैन्य संघर्ष भारत के उत्तर पूर्वी राज्य में बड़ा शरणार्थी संकट पैदा कर सकता है. यही वजह है कि भारत के विदेश मंत्रालय ने म्यांमार की वर्तमान परिस्थिति पर चिंता जताई है.


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