No Band-Baaja For UP Baraats: बैंड-बाजा के बिना शादी कैसे हो सकती है और बिना संगीत के शादी में रोनक नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने लाउडस्पीकरों और हाई डेसिबल ध्वनियों पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया है.  


शादियों या अन्य समारोहों में हाई डेसिबल संगीत या डीजे बजाने के लिए मजिस्ट्रेट से अनुमति लेनी होगी उसके बाद  स्थानीय पुलिस स्टेशन और वहां से ट्रैफिक पुलिस के पास फॉर्म ले जाना होगा. प्रपत्र को वापस मजिस्ट्रेट के पास ले जाना होगा, जहां अनुमोदन पर अंतिम मुहर लगेगी.


शादी से एक दिन पहले किसी तरह अनुमति प्राप्त करने वाले सिद्धार्थ श्रीवास्तव ने कहा, "मुझे एक सप्ताह तक अनुमति लेने के लिए इधर-उधर भागना पड़ा. अधिकांश समय मजिस्ट्रेट उपलब्ध नहीं थे. फिर स्थानीय पुलिस अधिकारियों से मिलने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी. यदि आपने उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाया तो उनका जवाब था संगीत के लिए अनुमति देने के अलावा हमारे पास और भी कई जरूरी काम हैं."


सुधांशु मिश्रा को नहीं मिली इजाजत
प्रयागराज के सुधांशु मिश्रा इतने भाग्यशाली नहीं थे और उन्हें 4 दिसंबर को अपनी बारात के लिए डीजे की इजाजत नहीं मिली. उनके दोस्तों ने उनकी शादी में गिटार बजाया और उन को शादी में डांस को हटाना पड़ा.


अनुमति के अलावा बारात के लिए बैंड का मिलना भी एक बड़ी समस्या बन गयी है. कोविड महामारी के दौरान बैंड व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है और अधिकांश बैंड सदस्यों ने अन्य पेशों की ओर अपना रुख कर लिया. दीपराज ने कहा कि महामारी के दौरान कम से कम नौ बैंडों का कारोबार ठप हो गया है. स्वाभाविक रूप से शादी के सीजन में मांग आपूर्ति से अधिक है. जहां असामान्य रूप से बड़ी संख्या में शादियां हो रही हैं.


लखनऊ में हर दिन 1000 से 1500 शादियां
एक अनुमान के मुताबिक अकेले लखनऊ में हर दिन 1,000 से 1,500 शादियां हो रही हैं. पंडित संदीप तिवारी ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि कई शादियों को महामारी के दौरान कैंसिल कर दिया गया था और इसलिए यह बहुत बड़ा बैकलॉग है. लोगों को वेन्यू नहीं मिल रहे हैं और शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर फार्महाउस में शादियां हो रही हैं."


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