मणिपुर के सीमावर्ती जिले में हिंसा फिर से भड़क गई है, जिसके बाद जिले में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. इसके बावजूद भी शुक्रवार की सुबह मेइती समुदाय के दो खाली घरों में अज्ञात बदमाशों ने आग लगा दी.
पुलिस के मुताबिक ये घटना बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत भूटान खाल में सूबह के 3 बजे हुई. फिलहाल इस घटना में किसी भी प्रकार की हताहत होने की खबर नहीं है. जिरीबाम जिला असम की सीमा से सटा है और मणिपुर का एक प्रमुख व्यावसायिक केंद्र है. 6 जून को एक व्यक्ति का सिर कटा हुआ शव मिलने के बाद यहां व्यावसायिक गतिविधि बंद पड़ गई है. बस इसके बाद हिंसा का नया दौर शुरू हो गया.
अब तक 70 से ज्यादा घरों को जलाया गया
दोनों समुदायों अब तक 70 से ज्यादा घर जलकर खाक हो चुके हैं. इस कारण एक हजार से भी ज्यादा लोगों को पड़ोसी असम और जिरीबाम क्षेत्र के अन्य हिस्सों में सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. पुलिस ने बताया है कि ऐसी घटनाएं और न हो इसे देखते हुए इलाके में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. केंद्रीय बलों सहित अतिरिक्त सुरक्षा बल हिंसा को रोकने के लिए संवेदनशील इलाकों में निगाहें टिकाए हुए हैं.
मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी ने लिया ये फैसला
माहौल को देखते हुए ऑल जिरीबाम मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी ने जिले में ईद-उल-अजहा त्योहार मनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि शुक्रवार को सोनापुर, जिरीबाम में आयोजित सोसाइटी की बैठक में ये फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा कि ईद की नमाज मस्जिदों में अदा की जाएगी. शोक व्यक्त करने के लिए मुस्लिम इलाकों के ईदगाह में नमाजियों की भीड़ पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
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