महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के दो स्वरूप मिले, देश में साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन के 6 मामलों की पुष्टि
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि महाराष्ट्र और केरल में सार्स-सीओवी-2 के एन440के और ई484के स्वरूप मिले हैं, लेकिन संक्रमण में वृद्धि के लिए ये जिम्मेदार हैं, इस तथ्य पर भरोसे की कोई वजह नहीं है.
नई दिल्ली: भारत में साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन के दो और केस की पुष्ट हुई है जिसके बाद अब तक छह लोग इससे संक्रमित पाए गए हैं. वहीं यूके स्ट्रेन के अब तक 187 मामले सामने आए हैं. वहीं एक शख्स में ब्राजील वाले स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने इस बात की जानकारी दी.
इससे पहले 16 फरवरी को सरकार की तरफ से ये जानकारी दी गई थी कि चार लोगों में साउथ अफ्रीका स्ट्रेन की पुष्टि हुई है. यानी उसके बाद दो और साउथ अफ्रीकन स्ट्रेन सामने आए हैं.
महाराष्ट्र और केरल में एन440 के वैरिएंट और ई484 के वैरिएंट
कोरोना पर स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ वीके पॉल ने कहा कि महाराष्ट्र और केरल में एन440 के वैरिएंट और ई484 के वैरिएंट पाए गए हैं. उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र और केरल में सार्स-सीओवी-2 के एन440के, ई484के स्वरूप मिले हैं, लेकिन संक्रमण में वृद्धि के लिए ये जिम्मेदार हैं, इस तथ्य पर भरोसे की कोई वजह नहीं है."
स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि केरल और महाराष्ट्र में अभी भी कोरोना के 75 फीसदी सक्रिय मामलों की संख्या बनी हुई हैं. केरल में देश के लगभग 38 फीसदी सक्रिय मामले हैं. महाराष्ट्र में देश के लगभग 37 फीसदी सक्रिय मामले हैं.
राजेश भूषण ने जानकारी दी कि आज 1 बजे तक 1 करोड़ 17 लाख 54 हजार 788 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है. निर्धारित लक्ष्य के 68 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई और 62 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई. निर्धारित के 41 फीसदी से अधिक फ्रंटलाइन वर्कर्स को पहली डोज दी जा चुकी है.
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