NABARD ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों के कृषि ऋण माफी का कोई स्थायी हल नहीं है. साथ ही इस NABARD की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों के ऋण माफी का संबंधित संस्था पर बुरा असर होता है.
दरअसल, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरतमंद किसानों की मदद के लिए शॉर्ट टर्म और लांग टर्म लोन देने पर नए सिरे से विचार करने की जरूरत है. इस रिपोर्ट में कृषि लोन से संबंधित कई पहलुओं पर काम डेटा पेश किया गया है.


कई चीजों का होता है खेती पर असर- NABARD 


साथ ही इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस-किस चीज का किसानों की खेती पर बुरा असर होता है. साथ ही इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रभावित किसानों को एक बार लोन के तौर सहायता राशि मिलनी चाहिए. भारत में खेती करने वाले किसानों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए किसानों के लिए बिजनेस लोन पर विचार किया जाना चाहिए.


बिजनेस लोन स्टेक होल्डर के लिए भी फायदेमंद साबित होगा- रिपोर्ट


नबार्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों के लिए बिजनेस लोन स्टेक होल्डर के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. साथ ही इस पर अगर बेहतर पॉलिसी होगी तो सरकार के साथ-साथ किसानों को भी आसानी होगी. हांलाकि, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि किसानों के लिए आसानी हो इसके लिए सरकार को बेहतर व्यवस्था करना होगा. बताते चलें कि NABARD द्वारा जारी इस रिपोर्ट को डॉ. श्वेता सैनी, सिराज हुसैन और डॉ. पुलकित खतरी की देखरेख में तैयार किया गया.


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