नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर तीखा हमला बोला और उसे ‘‘मानवता विरोधी’’ करार देते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी विधानसभा चुनाव में उसे उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.


पश्चिम बंगाल बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली से संबोधित करते हुए नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर केंद्र की जन कल्याणकारी योजनाओं में रोड़े अटकाने और उसके लाभ से प्रदेश की जनता को वंचित रखने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल की जनता को मुख्यधारा में शामिल होने में ममता दीदी रोड़े अटकाती हैं. लोगों को अच्छी सुविधाए मिलनी हैं, उसमें रोड़ा बनती हैं.


आयुष्मान भारत योजना से गरीबों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. लेकिन ममता दीदी बंगाल में 4.57 करोड़ गरीबों को इस स्वास्थ्य योजना से तीन साल से वंचित रखे हुए हैं.’’ उन्होंने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में इसे मुद्दा बनाना चाहिए कि कैसे गरीबों के हक को रोकने का काम राज्य की ममता सरकार कर रही है. नड्डा ने कहा कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना बंगाल, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री क्रेडिट कार्ड जैसी लोक कल्याणकारी योजनाओं को वहां की सरकार लागू नहीं होने दे रही है.


उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि जब कोरोना महामारी के दौरान बंगाल में राशन बांटा जा रहा था, तब उस समय पश्चिम बंगाल में तृणमूल के कार्यकर्ता राशन की चोरी में लगे थे। गरीब के पेट में दो वक्त की रोटी देने की बजाय उनके पेट से निवाला छीन रहे थे. ऐसी लोक विरोधी, जन विरोधी सरकार को उखाड फेंकना चाहिए और जब भी चुनाव आएगा हम लोकतांत्रिक तरीके से ऐसा करेंगे.’’


नड्डा ने कोरोना संकट के दौरान पश्चिम बंगाल पर असहयोगात्मक रवैया अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के बारे में आंकड़े देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना योद्धाओं के बारे में प्रधानमंत्रीजी ने घोषणा की थी कि अगर किसी की मृत्यु हो जाती है तो 50-50 लाख रुपये देंगे. यह भी पश्चिम बंगाल में नहीं लागू किया ममताजी ने. ये है इनकी जन विरोधी नीति, ये है इनकी मानव विरोधी नीति, ये है इनकी मानवता विरोधी नीति.’’


पश्चिम बंगाल सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए बीजेपीअध्यक्ष ने कहा कि पांच अगस्त को जब राम मंदिर का भूमि पूजन हुआ उसी दिन ममता दीदी ने पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन लगा दिया. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करके उन्होंने करोड़ों लोगों की इच्छाओं को कुचलने का काम किया. ये अलग बात है कि बकरीद में लॉकडाउन हटा लिया गया था.


यह दर्शाता है कि राज्य सरकार की नीतियां हिंदू विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित हैं.’’ पश्चिम बंगाल में होने वाली राजनीतिक हत्याओं का मुद्दा उठाते हुए नड्डा ने पूछा कि यह जंगलराज नहीं तो क्या है? उन्होंने कहा, ‘‘100 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को मारा गया है. दुख होता है, यह जो अपने आप को लोकतंत्र के चैंपियन कहते हैं, ऐसे मौकों पर उनकी आवाज नहीं निकलती है. हमें इसी मानसिकता को हटाना है.’’


नड्डा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी के कार्यकर्ता विपरीत परिस्थितियों में भी लड़ने की ताकत रखते हैं और देश भर के बीजेपी कार्यकर्ता उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इस बार विधानसभा में सफलता हासिल करनी है. आप पूरी ताकत लगाइए. पूरा देश आपके साथ खड़ा है. 2011 में हमारा वोट प्रतिशत 2 फीसदी था.


2014 में यह बढ़कर 18 फीसदी हुआ और 2019 में यह 40 फीसदी पहुंच गया. हमें इसे 50 फीसदी में बदलना है. इसका संकल्प लें. पश्चिम बंगाल सरकार पर राज्य में भ्रष्ट शासन चलाने के लिये हमला करते हुए नड्डा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस समर्थित भू माफिया ने शांतिनिकेतन स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय में यहां तक कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत को भी कलंकित किया.


उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपने दूसरे एक साल के कार्यकाल में देश में नए कीर्तिमान स्थापित किए। इसी दौरान राम मंदिर मामले पर फैसला आया, अनुच्छेद 370 समाप्त हुआ और तीन तलाक भी खत्म हुआ. उन्होंने कहा, ‘‘हमने कोरोना संकट का भी मजबूती से सामना किया. मोदी जी ने देश ही नहीं दुनिया को भी कोरोना से लड़ने का रास्ता दिखाया.’’


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