Naga Three Groups Peace Talk News: असम के बाद अब नगालैंड से अच्छी खबर सामने आई है. यहां तीन नागा समूह शनिवार को एक साथ आए. तीनों ने दशकों पुराने नागा राजनीतिक मुद्दों के समाधान के लिए केंद्र सरकार के साथ संयुक्त रूप से बातचीत करने का फैसला किया है. तीनों समूहों ने शनिवार (30 दिसंबर) को एक बैठक की और उसमें यह फैसला किया.
इस बैठक में अकाटो चोफी की अगुवाई वाली नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन), खांगो के नेतृत्व वाली एनएससीएन और जेड रॉयिम की अगुवाई वाली नागा नेशनल काउंसिल (एनएनसी) शामिल हुई. बता दें कि ये तीनों विभाजित समूह हैं.
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अकाटो ने कहा, “तीन समूह 2024 में एक संयुक्त राजनीतिक वेंचर के लिए एक साथ आए हैं.” जब अकाटो से पूछा गया कि क्या वे बातचीत करने के अपने फैसले के साथ पहले ही केंद्र से संपर्क कर चुके हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि, “हम पहले अलग-अलग दृष्टिकोण रखते थे, लेकिन अब हम नागा मुद्दे पर एक संयुक्त प्रयास करेंगे.”
जल्द केंद्र से करेंगे संपर्क
अकाटो ने यह भी बताया कि वह केंद्र सरकार के साथ नागा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (डब्ल्यूसी-एनएनपीजी) की कार्य समिति की ओर से की जा रही बातचीत से अलग बात करेंगे. उन्होंने कहा कि “एनएनपीजी केवल सात समूहों से बना है जबकि अन्य नागा समूहों को छोड़ दिया गया है.” उन्होंने घोषणा की कि “तीनों समूह नागाओं के हित के लिए समान विचारधारा वाले संगठनों का उनके साथ जुड़ने का स्वागत करते हैं.” अकाटो ने राजनीतिक वार्ता के लिए केंद्र से जल्द संपर्क करने की भी बात कही.
क्या है पूरा विवाद
नागा राजनीतिक मुद्दा देश में सबसे लंबे समय तक चलने वाला विद्रोह माना जाता है. दरअसल, नगालैंड में 1950 के दशक से सशस्त्र संघर्ष चल रहा है. यहां कई संगठन अपनी कई मांगों के साथ लगातार आंदोलन और उग्रवाद का रास्ता अपनाए हुए हैं. इनकी मांग है कि राज्य के लिए अलग झंडे व संविधान की अनुमति हो. नगा लोगों का अपना संप्रभु क्षेत्र हो. इसमें नगालैंड के अलावा उसके पड़ोसी राज्यों असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ म्यांमार के नगा-आबादी वाले सभी इलाके भी शामिल हों. केंद्र सरकार 1997 से एनएससीएन-आईएम और 2017 से डब्ल्यूसी एनएनपीजी के साथ अलग-अलग बातचीत कर रहा है.
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