(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nagaland: 14 गांववालों की हत्या के मामले में सेना का जांच दल आज पहुंचेगा नागालैंड, मोन जिले में घटनास्थल का करेगा मुआयना
Nagaland: नगालैंड के ओटिंग गांव (Oting Village) में सुरक्षाबलों की फायरिंग में नागरिकों की मौत मामले में सेना का जांच दल आज घटनास्थल पर पहुंचकर मुआयना करेगा.
Nagaland: नगालैंड के ओटिंग गांव (Oting Village) में सुरक्षाबलों की फायरिंग में नागरिकों की मौत मामले में सेना का जांच दल आज घटनास्थल पर पहुंचकर मुआयना करेगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फायरिंग में 14 ग्रामीणों की मौत के मामले को लेकर सेना का जांच दल घटनास्थल का मुआयना करने के साथ ही मोन जिले के तिजिट पुलिस थाने में भी जाएगा. जानकारी के मुताबिक कोहिमा में पीआरओ की ओर से ये कहा गया है कि अगर घटना से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी, वीडियो या फिर कोई और सूचना किसी के पास है तो वो जांच से पहले सेना को उपलब्ध करा सकता है.
सेना का जांच दल घटनास्थल का करेगा मुआयना
नागालैंड की कुछ लोकल संस्थाओं ने सेना को घटनास्थल पर सिविल ड्रेस में आने और साथ में हथियार न लाने की अपील की है. नागालैंड में फर्जी एनकाउंटर की जांच कर रही सेना की एक टीम आज मोन जिले के उसी स्थान का दौरा करेगी जहां पैरा-एसएफ कमांडोज़ ने 14 ग्रामीणों की जान ले ली थी. बताया जा रहा है कि जांच के लिए जो टीम आएगी वो कुछ स्थानीय लोगों या फिर प्रत्यक्षदर्शियों से भी मुलाकात करने की कोशिश कर सकती है. सेना की ओर से रविवार को ये दावा किया गया था कि मोन जिले में 4 दिसंबर को हुई फायरिंग की घटना की जांच तेजी से आगे बढ़ रही है. इसके साथ ही सेना ने जांच जल्द पूरी होने की भी उम्मीद जताई. सेना की ओर से ये भी भरोसा दिलाया गया कि उचित न्याय के साथ कानून के मुताबिक एक्शन लिया जाएगा.
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14 ग्रामीणों की हुई थी हत्या
बता दें कि घटना के बाद सेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी (Court Of Inquiry) का आदेश जारी किया था. सेना का कहना है कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित विशेष जांच दल (SIT) का पूरी तरह से सहयोग किया जा रहा है. इस संबंध में जो भी सूचना या जानकारी साझा की जा रही है. मोन जिले में 4 दिसंबर को हुई इस दुखद घटना में 14 ग्रामीणों की मौत हो गई थी. घटना के बाद झड़प में एक जवान भी शहीद हो गया था.
गौरतलब है कि सुरक्षाबलों को उग्रवादियों की बारे में गुप्त सूचना मिली थी लेकिन सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों को ही उग्रवादी समझ लिया था और फिर उनपर फायरिंग की थी जिसमें ग्रामीणों की जान चली गई थी. बता दें कि देश के कई अशांत क्षेत्र में AFSPA कानून लागू है. इसी के तहत सुरक्षा बलों को कई मामलों में कार्रवाई के विशेष अधिकार मिले हैं.