Violence in Nagaland: नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाबलों की कथित गोलीबारी में कम से कम 13 आम लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि वह इस घटना की जांच कर रही है, ताकि यह पता चल सके कि क्या यह गलत पहचान का मामला है. सेना ने घटना की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का आदेश दिया है. सेना ने बताया कि इस दौरान एक सैन्यकर्मी शहीद हुआ है और कई अन्य सैनिक घायल हो गए. सेना ने कहा कि यह घटना और उसके बाद जो हुआ, वह ‘‘अत्यंत खेदजनक’’ है और लोगों की मौत होने की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है.


इस मामले पर राजनीति तेज हो गई है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा यह घटना हृदय विदारक है. भारत सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए. गृह मंत्रालय वास्तव में क्या कर रहा है जब न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी हमारी भूमि में सुरक्षित हैं? वहीं ममता बनर्जी ने लिखा नागालैंड से चिंताजनक खबर. शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं. हमें घटना की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को न्याय मिले.


 






घटना के संबंध में एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि मृतकों की सटीक संख्या का अभी पता नहीं चल पाया है. अब तक 13 लोगों की मौत की खबर है. नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने का वादा किया और समाज के सभी वर्गों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है.


वहीं ओवैसी ने लिखा आज नागालैंड में जान गंवाने वाले सभी लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना. गृहमंत्री अमित शाह को बर्खास्त किया जाना चाहिए. फ्रिंज समूहों के साथ उनके सभी शांति समझौते धोखा देने के लिए थे. नवंबर में मणिपुर में विद्रोहियों ने 7 अधिकारी को मार दिया था. नॉर्थ ईस्ट में में शांति नहीं, केवल हिंसा है.







क्या है पूरा मामला


नागालैंड में रविवार को उस समय तनाव बढ़ गया जब राज्य के कुछ युवाओं की मौत हो गई. मामला तब बढ़ा जब सुरक्षा बलों ने उन पर एनएससीएन के आतंकी होने पर संदेह के आधार पर तिरु गांव में कथित रूप से गोलीबारी की. यह मामला तब और बढ़ गया जब ग्रामीण घटना के विरोध में उतर आए और दावा किया कि युवक निर्दोष हैं. ग्रामीणों ने बताया कि युवक पास के कोयला क्षेत्रों से लौट रहे थे. घटना के कारण गुस्साए ग्रामीणों ने कई सुरक्षा वाहनों को आग लगा दी. उग्र ग्रामीणों को कंट्रोल करने के लिए सुरक्षा कर्मियों को हवा में गोलियां चलानी पड़ी.