नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 16 में 14 नगर निगम में जीत दर्ज की है. बीजेपी की इस जीत के कई बड़े मायने हैं. लोकसभा चुनाव के समय से बीजेपी ने लगातार राज्यों पर जो पकड़ बनाई, वह अब और मजबूत दिख रही है.
उत्तर प्रदेश में संसद से लेकर पंचायत तक बीजेपी का परचम लहरा चुका है और इसकी सही मायने में शुरूआत हुई थी 2014 के लोकसभा चुनाव से हुई थी. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी बीजेपी का चेहरा बने और यूपी में बीजेपी को जीत दिलाने की कमान अमित शाह ने संभाली थी. लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की 80 सीटों में से 71 पर जीत दर्ज की थी जबकि 2 सीट उसकी सहयोगी अपना दल के खाते में गई थी. लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में 2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी का परचम लहराया. चुनाव में बीजेपी ने राज्य की कुल 403 सीटों में 312 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि 13 सीट उसके सहयोगियों के खाते में गई.
विधानसभा चुनाव के बाद यूपी में बीजेपी की कमान योगी आदित्यनाथ ने संभाली और निकाय चुनाव के तौर पर वो अपनी पहली परीक्षा में प्रथम श्रेणी में पास हुए. यहां सवाल उठ सकता है कि आज यूपी में बीजेपी ने जो ऐतिहासिक जीत हासिल की है, वो पीएम मोदी की नीतियों की जीत है या फिर योगी आदित्यनाथ की ? या फिर जीत का सेहरा दोनों के सिर पर बंधना चाहिए ?
यूपी नगर निगम चुनाव परिणाम: प्रत्येक जिले का चुनाव परिणाम यहां देखें
यहां आपको बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद देश के कुल 16 राज्यों में चुनाव हुए जिसमें से 8 राज्यों में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज करते हुए मुख्यमंत्री पद पर कब्जा किया जबकि बिहार और जम्मू कश्मीर में उपमुख्यमंत्री पद बीजेपी के हिस्से में आया.
पूरे देश की बात करें तो अभी कुल 18 राज्यों में एनडीए की सरकार है जिसमें 13 राज्यों में बीजेपी का मुख्यमंत्री है. ये आंकड़ा 18 दिसंबर को बदल सकता है क्योंकि उसी दिन हिमाचल प्रदेश और गुजरात का चुनाव नतीजा आनेवाला है. अब सवाल यह है कि क्या यूपी में बीजेपी का ये जश्न आनेवाले समय में पूरे देश को अपने रंग में रंग लेगा ? क्या आनेवाले कल में संसद से पंचायत तक बीजेपी का परचम लहरायेगा ?
यूपी नगर निगम और स्थानीय निकाय चुनाव परिणाम - 2017