'किसी भी कीमत पर...', अब उत्तराखंड की धामी सरकार पर बरसे चंद्रशेखर, जानें क्या है मामला?
भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने हरिद्वार में नाबालिग लड़की से गैंगरेप और हत्या के मामले में धामी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर धामी सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की है.
उत्तराखंड के हरिद्वार में नाबालिग लड़की की गैंगरेप और हत्या के बाद धामी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है. घटना के तीन हफ्ते बाद भी सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं. इन सबके बीच नगीना से सांसद और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद पीड़ित परिवार से मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान वे उत्तराखंड की धामी सरकार पर खूब बरसे. उन्होंने सख्त लहजे में कहा, किसी भी बहन-बेटियों के साथ जुल्म बर्दाश्त नहीं है. परिवार सिर्फ न्याय चाहता है.
चंद्रशेखर आजाद ने कहा, 3 हफ्ते से ज्यादा का समय हो गया है और सभी आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं. मेरी पीड़ित परिवार से बात हुई, उनकी एक ही मांग है कि इस पूरी घटना में जो भी लोग शामिल हैं, जिन्होंने संरक्षण दिया, जिनकी जानकारी में ये पूरा मामला हुआ, उन सभी की गिरफ्तारी होनी चाहिए और उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. परिवार सिर्फ न्याय होना चाहिए.
बेटियों के साथ ये ज्यादती बर्दाश्त नहीं- चंद्रशेखर
उन्होंने कहा, हरिद्वार में मैं पैदा हुआ हूं, ये मेरा भी घर है. हमारी मांग है कि किसी भी कीमत पर बहन बेटियों के साथ ये ज्यादती बर्दाश्त नहीं की जाएगी. ऐसा अपराध करने वाले, चाहें वह सत्ता का हो या फिर विपक्ष का हो, उसे बचाने का प्रयास प्रशासन न करे, मैं किसी भी निर्दोष को भी सजा के पक्ष में नहीं हूं. अगर सत्ता में बैठे नेता आरोपियों का साथ देते हैं, तो उन्हें ये नहीं भूलना चाहिए कि परिवार उनके भी हैं, बच्चियां उनकी भी हैं. ये घटना डरावनी है, उत्तराखंड की पुलिस पर बड़ा दाग है.
आजाद ने कहा, हमें एसएसपी हरिद्वार पर भरोसा है कि दोषियों पर कठोर कार्रवाई होगी. किसी को छोड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा है कि इस मामले में एक बेटी की भी भूमिका सामने आ रही है. हालांकि, वे चाहते हैं कि इसे लेकर जांच हो, मैं भी सहमत हूं इस पर. भीम आर्मी चीफ ने कहा, इस घटना के बाद पूरे दलित समाज में डर का माहौल है. सत्ता का संरक्षण अपराधियों को है. मुझे आशा थी कि अभी उपचुनाव के दौरान सीएम धामी यहां आए थे, मुझे उम्मीद थी कि वे पीड़ित परिवार से मिलेंगे. लेकिन जाति कभी नहीं जाती. इसलिए शायद उनको इस परिवार के पास आने का वक्त नहीं मिला.