उद्धव ठाकरे पर कमेंट करने वाले ट्विटर यूजर समित ठक्कर की पुलिस कस्टडी 2 नवंबर तक बढ़ी, वायरल वीडियो पर मचा बवाल
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले ट्विटर यूजर समित ठक्कर की पुलिस कस्टडी नागपुर कोर्ट ने 2 नवंबर तक बढ़ा दिया है. समित को पिछले हफ्ते नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले ट्विटर यूजर समित ठक्कर की पुलिस कस्टडी नागपुर कोर्ट ने 2 नवंबर तक बढ़ा दिया है. समित को पिछले हफ्ते नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
आज समित ठक्कर का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें पुलिस उसे जंजीरों में बांधकर आंखों में पट्टी बांधकर ले जा रही है. इस पर समित के भाई ने पूछा है कि क्या मेरा भाई आतंकवादी है. बता दें कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे पर ट्विटर यूजर समित ठक्कर ने टिप्पणी की थी. इसके बाद 24 अक्टूबर को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इस बीच बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने समित ठक्कर ने भी पुलिस के इस रवैये की आलोचना की है.
Maharashtra: Nagpur court extends Sameet Thakkar's police custody till 2 Nov.
He was arrested on 24 Oct for allegedly making objectionable comments against Maharashtra CM Uddhav Thackeray & State Minister Aaditya Thackeray on social media — ANI (@ANI) October 30, 2020
समित के भाई ऋषि ठक्कर ने कहा, 'यह मानवअधिकार का उल्लंघन है. मेरे भाई के हाथ बांधे हुए थे, चेहरे को काले कपड़े से ढका गया था और इस तरह कोर्ट में लाया गया. वो मेरे भाई को आंतकवादी की तरह ट्रीट कर रहे है.' नागपुर कोर्ट ने समित ठक्कर की पुलिस कस्टडी 2 नवंबर तक बढ़ा दिया है. बता दें कि समित को पीएम मोदी भी ट्विटर पर फॉलो करते हैं.
Is @thakkar_sameet a terrorist, is he an animal, is he a danger to the nation that he’s being treated in this manner? This goes against every tenet of humanity. Irrespective of political views, it is completely unlawful & immoral.All of us should be raising our voice against this pic.twitter.com/tUkrktUPgF
— Varun Gandhi (@varungandhi80) October 30, 2020
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी ट्वीट किया, 'क्या समित ठक्कर एक आतंकवादी है, क्या वह जानवर है, क्या वह देश के लिए खतरा है जो उसके साथ इस तरह व्यवहार किया जा रहा है. यह मानवाधिकार के खिलाफ है. राजनीतिक विरोध अपनी जगह है लेकिन यह पूरी तरह गैरकानूनी और अनैतिक है. हम सभी को इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए.