Nagpur Violence Update: महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा ने राज्य में सुरक्षा और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं. सोमवार (17 मार्च) शाम को महाल इलाके में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस दौरान उपद्रवियों ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया, पुलिस पर पथराव किया और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया. पत्थरबाजी में डीसीपी सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. घटनास्थल पर कर्फ्यू लगा दिया गया और अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया. जानकारी के अनुसार पुलिस ने इस मामले में 40 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है.


नागपुर की हिंसा पर असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने महाराष्ट्र सरकार की कड़ी आलोचना की है. ओवैसी ने कहा कि ये घटना राज्य सरकार की विफलता का परिणाम है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कुछ दिनों से जानबूझकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही थी. उन्होंने बताया कि धर्म ग्रंथ जलाए जाने की घटना की पुलिस में शिकायत की गई थी, लेकिन सरकार ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की. ओवैसी का मानना है कि यह हिंसा जानबूझकर कराई गई है और इसके पीछे कुछ खास लोगों का मकसद था.


नागपुर हिंसा को लेकर ओवैसी की प्रतिक्रिया


ओवैसी ने कहा कि मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री दोनों ही नागपुर से आते हैं और इस हिंसा के बाद ये साफ लगता है कि मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया. उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि ये बेहद दुखद है, लेकिन इसके पीछे जो साजिश थी, उसे नकारा नहीं जा सकता. ओवैसी ने महाराष्ट्र सरकार से कार्रवाई की उम्मीद जताई है और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.


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