'नफरत फैलाने वालों के खिलाफ हो सख्त एक्शन', नागपुर हिंसा पर बोला जमात-ए-इस्लामी हिंद
Nagpur Violence: जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार स्थिति को समझने और सांप्रदायिक हिंसा को भड़काकर अशांति फैलाने वालों पर नकेल कसने में पूरी तरह विफल रही.

मोआतसिम खान ने कहा, "ऐसा लगता है कि महाराष्ट्र पुलिस को कहा गया है कि वे नफरत फैलाने वाले असामाजिक तत्वों को खुली छूट दे. इससे राज्य में शांतिपूर्ण माहौल खराब हो रहा है और सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की आशंका है. हम अधिकारियों से अपील करते हैं कि वे नफरत फैलाने और सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें."
जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष ने कहा, "हम महाराष्ट्र के लोगों, खासकर नागपुर के नागरिकों से अपील करते हैं कि वे शांति बनाए रखें और असामाजिक तत्वों के उकसावे में न आएं. ऐसी विभाजनकारी चालों का सबसे अच्छा जवाब एकता और संयम है."
नागपुर में क्यों भड़की हिंसा?
पुलिस के मुताबिक सोमवार (17 मार्च 2025) को शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में तब हिंसा भड़क उठी, जब अफवाह फैली कि औरंगजेब की कब्र (छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित) को हटाने की मांग को लेकर एक दक्षिणपंथी संगठन की ओर से किए गए आंदोलन के दौरान एक समुदाय का धर्मग्रंध जलाया गया है. इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया जिससे छह आम नागरिक और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नागपुर में हुई हिंसा साजिश प्रतीत होती है और भीड़ ने चुनिंदा घरों, प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया है. फडणवीस ने कहा कि हिंसा में तीन पुलिस उपायुक्तों सहित 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और एक वरिष्ठ अधिकारी पर कुल्हाड़ी से हमला किया गया. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दावा किया कि यह एक खास समुदाय को निशाना बनाने की साजिश थी.
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