नगरोटा में मारे गए चारों आतंकी जैश के कंमाडर थे, पाकिस्तानी आर्मी ने दी थी खास कमांडो ट्रेनिंग
नगरोटा में मारे गए पाकिस्तानी आतंकी एक बड़ी साजिश को अंजाम देने वाले थे. उनका मकसद 26/11 जैसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम देना था. नगरोटा में मारे गए आंतकी जिस हमले को अंजाम देने के मकसद से आगे बढ़ रहे थे, उसे पाकिस्तान के बहावलपुर में तैयार किया गया था.
नई दिल्ली: नगरोटा आतंकी हमले पर बड़ा खुलासा हुआ है. एबीपी न्यूज को सूत्रों से जानकारी मिली है कि मारे गए चारों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के खास कंमाडर थे, जिन्होंने दौरा-ए-खास की खास कमांडो ट्रेनिंग ली थी. अलग-अलग कैंप में उन्हें छह महीने की ट्रेनिंग दी गई थी. आईएसआई और पाकिस्तान आर्मी ने मिलकर अलग-अलग भागों में उन्हें ये ट्रेनिंग दी थी. पहली आम ट्रेनिंग तीन महीने की थी, जिसमें बेसिक हथियार चलाना, पहाड़ पर चढ़ना सिखाया गया था. दौरा-ए-खास की ट्रेनिंग आमतौर पर सेना को दी जाती है.
सुरक्षाबलों ने पाकिस्तानी सुरंग का लगाया पता वहीं सुरक्षाबलों ने जम्मू के साम्बा जिले में उस पाकिस्तानी सुरंग का पता लगाया है, जिसके जरिए जैश के आतंकियों ने घुसपैठ की थी. दरअसल, पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबो को लेकर एक बार फिर बेनकाब हुआ है. नगरोटा हमले की जांच में जुटी एजेंसियों को रविवार को उस वक्त एक बड़ी कामयाबी मिली, जब बीएसएफ ने उस सुरंग का पता लगाया, जिसके जरिए चार जैश के आतंकियों ने घुसपैठ की थी.
जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक जिस सुरंग को पार कर इस महीने की 18 तारीख को पाकिस्तान के शक्करगढ़ से चार जैश के आतंकी जम्मू पहुंचे थे, उसका सुरक्षाबलों ने पता लगाया है. उनके मुताबिक यह एक बड़ी कामयाबी है और तबाही का जो सामान 19 तारीख को आतंकी ला रहे थे, वो इसी टनल से आतंकी लेकर आए थे.
बड़ी साजिश को देना चाहते थे अंजाम नगरोटा में मारे गए पाकिस्तानी आतंकी एक बड़ी साजिश को अंजाम देने वाले थे. उनका मकसद 26/11 जैसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम देना था. मारे गए आतंकियों से बरामद हुए सामान से कुछ और खुलासे हुए हैं. नगरोटा में मारे गए आंतकी जिस हमले को अंजाम देने के मकसद से आगे बढ़ रहे थे, उसे पाकिस्तान के बहावलपुर में तैयार किया गया था.
जम्मू में दाखिल होने के लिए इन आतंकियों ने जम्मू से शकरगढ़ इलाके की तरफ बह रहे एक नाले का सहारा लिया और उस नाले को पार करते हुए यह सभी आतंकी जम्मू पठानकोट नेशनल हाईवे पर पहुंच गए. इसके बाद इन सभी आतंकियों ने फर्जी नंबर प्लेट लगे एक ट्रक में सवार होकर जम्मू से श्रीनगर तक का सफर शुरू किया.
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