विशेष राज्य का दर्जा मामला: NDA से अलग हुए नायडू
चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है. नायडू आज सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इसकी जानकारी देंगे. एनडीए सरकार में टीडीपी के मंत्री भी आज इस्तीफा दे देंगे.

नई दिल्ली: 2019 के आम चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी सरकार और एनडीए को बड़ा झटका लगा है. आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने से नाराज चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार का साथ छोड़ दिया है. मोदी कैबिनेट में टीडीपी कोटे के दोनों मंत्री अशोक गजपति राजू और वाई एस चौधरी आज इस्तीफा देंगे. एनडीए से अलग होकर नायडू यूपीए के साथ जा सकते हैं. इसके साथ ही टीडीपी 13 मार्च को होने वाले सोनिया गांधी के डिनर में शामिल हो सकती है.
इससे पहले राहुल गांधी भी जंतर मंतर पर टीडीपी के प्रदर्शन में शामिल हुए थे और वादा किया था कि अगर यूपीए 2019 में सत्ता में आई तो सबसे पहले आंध्र को विशेष दर्जा देने पर फैसला होगा. आंध्र प्रदेश में अभी टीडीपी की सरकार है.
आपको बता दें कि 2014 में तेलंगाना के बनने के वक्त से ही आंध्र को विशेष राज्य के दर्जा देने की मांग हो रही है. केंद्र सरकार के इनकार के बाद अब चंद्रबाबू नायडू ने एनडीए अलग होने का एलान किया है.
नायडू आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर इसकी जानकारी देंगे. इस वक्त मोदी सरकार में टीडीपी के दो मंत्री हैं. अशोक गजपति राजू के पास विमान मंत्रालय है और वाई एस चौधरी विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं. ABP न्यूज़ को मिली जानकारी के मुताबिक आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू पर बीजेपी का साथ छोड़ने को लेकर भारी दबाव था. जनता की भावनाओं के चलते उन्होंने ये कदम उठाया है.
प्रधानमंत्री ने नहीं की बात नायडू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने पीएम मोदी से बात करने की कोशिश की लेकिन वो इसके लिए उपलब्ध नहीं थे. उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि केंद्र एकतरफा फैसले लेता रहा है और अब उनके धैर्य की इंतहा हो गई है. जब केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने से उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है तब बेहतर है कि वो अलग हो जाएं.I tried reaching out to the Prime Minister to inform him about our decision. But sadly, he was unavailable.
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) March 7, 2018
सिलसिलेवार ट्वीट्स में उन्होंने लिखा कि वो किसी से नाराज़ नहीं हैं और ये फैसला आंध्र प्रदेश के लोगों के हित के लिए लिया गया है. वो आगे लिखते हैं कि ये एक अहम मोड़ है. उन्हें बने रहना है, संघर्ष करना है और जो तय किया है उसे हासिल करना है.The Centre has been taking one sided decisions and our patience has run out now. When the purpose of joining the union cabinet hasn’t been fulfilled, it’s best to resign now.
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) March 7, 2018
It's a crucial time. We have to stand, we have to fight, we have to get it done.
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) March 7, 2018
आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं: जेटली
इस बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ किया कि आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देना संभव नहीं है. विशेष राज्य से मतलब स्पेशल आर्थिक पैकेज होता है जो हर राज्य को दिया जाना संभव नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा, ''डिवीजन के दौरान आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य देने का वादा किया गया था तब विशेष राज्य का दर्जा देने का प्रावधान होता था. 14वें वित्तीय आयोग की रिपोर्ट आई जो संवैधानिक है, उसमें कहा गया कि ऐसा दर्जा नहीं दिया जा सकता.''
TDP के जाने के बाद YRS कांग्रेस से हाथ मिला सकती है BJP
चंद्रबाबू नायडू पहले भी एनडीए से एक बार बाहर जा चुके हैं. चंद्रबाबू नायडू अगर कांग्रेस से हाथ मिलाते हैं तो बीजेपी भी नए विकल्प पर विचार करेगी. नायडू की पार्टी के अलावा वाईएसआर कांग्रेस इस वक्त आंध्र में काफी मजबूत पार्टी है. ऐसे में बीजेपी और वाईएसआर कांग्रेस 2019 के लिए साथ आ सकते हैं.
ये है आंध्र प्रदेश की सीटों का हिसाब 2014 के लोकसभा चुनाव में आंध्र की 25 सीटों में से टीडीपी को 15, वाईएसआर कांग्रेस को आठ और बीजेपी को दो सीट पर जीत मिली थी. कांग्रेस का न तो लोकसभा में खाता खुला था और ना ही विधानसभा में ही. अब कांग्रेस को साझेदार की तलाश है तो टीडीपी के हटने के बाद बीजेपी को भी मजबूत साथी चाहिए. यानी राज्य में ये दो खेमे बन सकते हैं.
टीडीपी का साथ छूटने से क्या होगा?
2014 में आंध्र के चुनाव में चार प्लेयर थे. टीडीपी और बीजेपी साथ थी जबकि कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस अलग अलग थीं. 2014 के लोकसभा चुनाव में टीडीपी को 29 फीसदी और बीजेपी को 8.5 फीसदी वोट मिले थे. जबकि वाईएसआर कांग्रेस को भी 29 फीसदी वोट मिले थे और कांग्रेस को यहां 11.5 फीसदी वोट मिले थे. आंध्र में बीजेपी अकेले किसी का मुकाबला नहीं कर सकती. इसलिए टीडीपी का साथ छूटता है तो वाईएसआर कांग्रेस से इसका गठबंधन तय है. इसका फायदा आंध्र और तेलंगाना दोनों में होगा.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
