Rajiv Gandhi Assassination Case: 'सबसे पहले ब्रिटेन जाऊंगी बेटी के पास', रिहाई के बाद बोली राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन
Rajiv Gandhi Assassination Convicts: गांधी परिवार और 1991 के राजीव गांधी हत्याकांड के अन्य पीड़ितों के मिलने की संभावना के बारे में सवाल किए जाने पर भी नलिनी श्रीहरन ने जवाब दिया.
Rajiv Gandhi Assassination Convict Nalini Sriharan: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के छह दोषियों में शामिल नलिनी श्रीहरन को शनिवार (12 नवंबर) को तमिलनाडु की जेल से रिहा कर दिया गया. रविवार (13 नवंबर) को पत्रकारों से बात करते हुए नलिनी ने अपनी आगे की योजना के बारे में जानकारी दी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, नलिनी 31 साल बाद जेल से छूटी हैं.
जेल से रिहाई के बाद अब क्या प्राथमिकता है, इसके बारे में पूछे जाने पर नलिनी ने बताया कि सबसे पहले वह मामले में दोषी अपने पति मुरुगन के साथ ब्रिटेन में रहने वाली अपनी बेटी से मिलना चाहती है. नलिनी ने कहा कि उसकी प्राथमिकता उसके पति और सह-दोषी मुरुगन को रिहा कराने की है जो इस समय त्रिची में एक विशेष शरणार्थी कारागार शिविर में है. उसने कहा कि मुरुगन के लिए पासपोर्ट और वीजा का इंतजाम करना है ताकि ब्रिटेन में रहने वाली ग्रीन कार्ड होल्डर बेटी से मिल सके.
बिखरे परिवार को इकट्ठा करना चाहती है नलिनी
नलिनी ने कहा, ''यह मेरी प्राथमिकता है. मेरा पूरा परिवार बर्बाद हो गया. मुझे उन्हें टुकड़ों में इकट्ठा करना है. हम आपातकालीन पासपोर्ट और दस्तावेजों के लिए श्रीलंकाई उच्चायोग से संपर्क करेंगे ताकि हमारी बेटी हमें ब्रिटेन ले जा सके.'' उसने कहा कि छह दोषियों में से चार श्रीलंकाई नागरिकों में से एक होने के नाते मुरुगन को 31 साल की कैद से औपचारिक रिहाई के बाद शनिवार (12 नवंबर) शाम को वेल्लोर सेंट्रल जेल से त्रिची शिविर ले जाया गया था.
पत्रकारों से बात करते हुए नलिनी ने कहा कि वेल्लोर जेल में 30 वर्षों की कैद के दौरान सबसे अशांत दिनों में एक राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी का दौरा था. दरअसल, 2008 में प्रियंका गांधी ने वेल्लोर जेल की यात्रा की थी.
जब जेल में हुई प्रियंका गांधी से मुलाकात
नलिनी ने पत्रकारों को बताया, ''यकीन नहीं हो रहा था, मुझे खुद को यकीन दिलाने के लिए उन्हें छूना पड़ा. वह एक परी की तरह लग रही थीं. मैं डरी हुई थी. वह मुझसे अपने पिता की हत्या के बारे में पूछना चाहती थीं. वह रोईं. मुझे जो भी पता था सब उन्हें बता दिया. जब वह लौट गईं तो मैं घबराई हुई थी. मैंने दिल्ली के लिए उनकी सुरक्षित वापसी को लेकर प्रार्थना की और उपवास रखा.''
गांधी परिवार और 1991 के राजीव गांधी हत्याकांड के अन्य पीड़ितों से मिलने की संभावना के बारे में सवाल किए जाने पर नलिनी ने कहा कि इसका कोई जवाब नहीं है. नलिनी ने कहा कि राजीव गांधी के परिवार से मिलने में उसे झिझक हो रही है. उसने कहा, ''उन्होंने (गांधी परिवार) अपने पिता को खोया है, जिसे वे प्यार करते थे और मैं उस केस में शामिल एक दोषी हूं. वे अब भी उस अपार पीड़ा से गुजर रहे होंगे. हो सकता है कि अगर वे चाहें तो मैं उनसे मिल लूं.''
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