ललित नारायण मिथिला विश्व विद्यालय के प्रशासनिक परिसर में आरजेडी और जेडीयू के नेताओं की मौजूदगी में नमाज पढ़े जाने और दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किए जाने के बाद बवाल मच गया है. बीजेपी अब लगातार इसकी आलोचना कर रही है. बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री और जाले से भाजपा के विधायक जीवेश मिश्रा ने इसे गलत करार दिया है. उन्होंने इसे वोट बैंक की राजनीति बताया.

  


आरजेडी नेता ने बताया क्यों किया आयोजन
ललित नारायण मिथिला विवि परिसर में आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शिरकत करने पहुंचे आरजेडी के राष्ट्रीय महासचिव और बहादुरपुर के पूर्व विधायक भोला यादव ने कहा कि रमजान पाक महीना है और इसमें सामूहिक रूप से नमाज पढ़ने और दावत-ए-इफ्तार में शामिल होने पर अमन-चैन और प्यार-मोहब्बत बढ़ता है. उन्होंने कहा कि कुछ सांप्रदायिक शक्तियां देश को गलत दिशा में ले जा रही हैं. उनसे लोगों के बचकर रहना चाहिए. 


बीजेपी ने बोला हमला, दिया ये तर्क
वहीं, बिहार सरकार के मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि शैक्षणिक संस्था पढ़ने-पढ़ाने के लिए है. अगर नमाज और हनुमान चालीसा का आयोजन शैक्षणिक संस्थानों में होता है तो फिर मस्जिद और मंदिर किसलिए बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर-मस्जिद के काम वहीं होने चाहिए, किसी शैक्षणिक संस्थान या सड़क पर नहीं. यह आम जन के मौलिक अधिकार का हनन है और सरकार के काम में बाधा है. उन्होंने कहा कि अजान को लेकर उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं है लेकिन लाउडस्पीकर को लेकर है. सुप्रीम कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को रोकने का कानून बनाया है. इस पर अमल होना चाहिए. 


इफ्तार से ज्यादा रफ्तार की जरूरत - मंत्री
मंत्री जीवेश मिश्रा ने हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नमाज और लाउडस्पीकर पर आए बयान के बारे में कहा कि मुख्यमंत्री भी एक दल के नेता हैं. अगर सीएम अपने दल के फोरम पर उसके हिसाब से बयान देते हैं तो उस पर वे कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे. उन्होंने कहा कि सड़क पर नमाज पढ़ने पर रोक लगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार को इफ्तार से ज्यादा रफ्तार की जरूरत है. जीवेश मिश्रा ने कहा कि कुछ लोग वोट बैंक की राजनीति करने के लिए ऐसे काम करते हैं. 


बता दें कि पिछले 26 अप्रैल को कुछ छात्रों की ओर से विवि परिसर में सामूहिक नमाज और दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था. इसमें राजद और जदयू के नेता भी शामिल हुए थे. अब इसका वीडियो सामने आया है जिसे लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है. इससे पहले भाजपा के नगर विधायक संजय सरावगी ने दरभंगा टावर चौक की सड़क पर अलविदा की नमाज पढ़े जाने को लेकर सवाल उठाया था और मस्जिदों पर से लाउडस्पीकर उतारने की मांग की थी. 


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