National War Memorial में लिखा गया गलवान घाटी के शहीदों का नाम, मिल सकता है वीरता पुरस्कार
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में बीत साल जून में चीनी सैनिकों से बहादुरी से लड़ते हुए 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. जिन्हें सम्मान देने के लिए गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उनके नामों को उकेरा गया है. सूत्रों के अनुसार इनमें से कुछ सैनिकों को गणतंत्र दिवस पर वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने की संभावना है.
नई दिल्लीः बीत साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गए थे. जिन्हें सम्मान देने के लिए गणतंत्र दिवस से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उनके नामों को उकेरा गया है. आधिकारिक सुत्रों के अनुसार 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी संतोष बाबू को भी इसमें शामिल किया गया है. जिन्होंने 15 जून को हुए भीषण युद्ध में अपनी जान की बाजी लगा दी थी.
वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने की संभावना
लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने ट्वीट कर बताया, "गैलवान में शहीद हुए नायकों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में अंकित किए गए हैं." इनमें से कुछ सैनिकों को गणतंत्र दिवस पर वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किए जाने की संभावना है. बता दें कि पिछले साल 17 जुलाई को पूर्वी लद्दाख में लुकुंग फारवर्ड पोस्ट की यात्रा के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने व्यक्तिगत रूप से चीनी सैनिकों से लड़ने में अतुलनीय धैर्य और साहस का प्रदर्शन करने के लिए बिहार रेजिमेंट से सैनिकों की प्रशंसा की थी.
Names of Galwan Bravehearts have been added at the National War Memorial. Salute their supreme sacrifice! (Pic - @ajaynewsman) pic.twitter.com/0qo0d6OqsP
— Lt Gen Satish Dua???????? (@TheSatishDua) January 20, 2021
35 चीनी सैनिक हुए थे घायल
फिलहाल चीन ने अभी तक संघर्ष में मारे गए और घायल हुए अपने सैनिकों की संख्या का खुलासा नहीं किया है. हालांकि चीन की ओर से आधिकारिक तौर पर हताहत होने की बात स्वीकार की गई है. एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार लगभग 35 चीनी सैनिक इस हमले में घायल हुए थे.
सीमा पर तैनात किए गए भारी संख्या में सिपाही
भारत और चीन के बीच कई दौर की वार्ता ने गतिरोध को हल करने के लिए ठोस परिणाम नहीं निकाला है. इसलिए वर्तमान में भारतीय सेना की लगभग 50 हजार टुकड़ियों को शून्य से कम तापमान वाले पहाड़ी क्षेत्र में तैनात किया गया है. दोनों पक्षों के बीच आठवें और आखिरी दौर की वार्ता पिछले साल 6 नवंबर को हुई थी, जिस दौरान दोनों पक्षों ने मुख्य जोन से सैनिकों के विस्थापन पर व्यापक चर्चा की थी.
बता दें कि गैलवान घाटी में चीन की ओर से पूर्वी लद्दाख में सीमा रेखा को बढ़ा दिया गया था और इसके परिणामस्वरूप सीमा पर दोनों सेनाओं के सैमिक आपस में भिड़ गए थे. हालाकि खबरों के अनुसार चीन के भी कई सैनिक इस मुठभेड़ मे शहीद हुए. जिसके बाद सीमा के दोनों ओर से सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती की गई थी.
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