(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या जाफराबाद हिंसा की रची गई थी साजिश? FIR में आप पार्षद और कांग्रेस के पूर्व विधायक का नाम शामिल
सीलमपुर में हुई हिंसा के बाद दर्ज एफआईआर में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद अब्दुल रहमान और कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद का नाम भी शामिल है. इस पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम कर रही है.
नई दिल्ली: राजधानी के सीलमपुर जाफराबाद इलाके में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान हुई हिंसा में पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर में आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद अब्दुल रहमान और कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद का नाम भी शामिल है. इन दोनों नेताओं पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगा है.
पुलिस की एफआईआर के मुताबिक सीलमपुर में टी प्वाइंट पर एकत्र होकर भीड़ उग्र हो गई. उन्होंने पत्थर और पेट्रोल से भरी बोतलें पुलिस पर फेंकी. यह भीड़ दोपहर करीब ढाई बजे सीलमपुर टी-प्वाइंट से अनियंत्रित होकर थाना जाफराबाद की तरफ आई और काफी लोग आसपास की गलियों से अब्दुल रहमान, निगम पार्षद जाफराबाद के उकसाने पर आकर इकट्ठा हो गए. इसी दौरान मौजपुर से भी भीड़ आकर शामिल हो गई.
वहीं बाइक रैली वाले पूर्व विधायक मतीन अहमद के नेतृत्व में नाकरिकता कानून के विरोध में उत्तेजित नारे लगाते हुए बाइकों पर और पैदल ही चले थे. जिनके पास कोई अनुमति भी नहीं थी. एफआईआर के मुताबिक ये दोनो नेता भीड़ को उकसा रहे थे.
जामिया हिंसा की FIR में भी था कांग्रेस के पूर्व विधायक का नाम
इससे पहले जामिया इलाके में हुई हिंसा में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें एक एफआईआर दिल्ली के जामिया थाने में जबकि दूसरी एफआईआर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में दर्ज की गई थी. दोनों ही एफआईआर में ओखला से कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ मोहम्मद का नाम शामिल था.
हालांकि उस हिंसा में भी पुलिस ने अभी तक आसिफ मोहम्मद की गिरफ्तारी नहीं की है, लेकिन जिस तरीके से जामिया और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाना इलाके में हुई हिंसा के बाद अब सीलमपुर जाफराबाद की हिंसा में भी कांग्रेस नेता के नाम शामिल हैं. उसके बाद जांच में जुटी एसआईटी को बड़ी साजिश का शक है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि दिल्ली की हिंसा साजिशन रची गई थी.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच कर रही हिंसा की जांच
दिल्ली पुलिस के मुताबिक दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हुई हिंसा के बाद दर्ज एफआईआर क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दी गई है और क्राइम ब्रांच की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम अब मामले की जांच में जुटी है.