'फोन टैपिंग मामले में पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस की भूमिका की जांच हो', नाना पटोले का बड़ा बयान
पटोले ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की अधिकारी और पुणे की पूर्व पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला के खिलाफ फोन टैपिंग के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही.
कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने रविवार को कहा कि नेताओं की कथित फोन टैपिंग के आरोपों की जांच के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की ‘भूमिका’ की भी जांच की जानी चाहिए, जिनके पास उस समय गृह विभाग भी था. पटोले ने यह मांग पुणे की पूर्व पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला के खिलाफ इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद की है.
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार के वरिष्ठ लोगों के आशीर्वाद के बिना इस तरह की गैर कानूनी गतिविधि असंभव है. पटोले ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) की अधिकारी और पुणे की पूर्व पुलिस आयुक्त रश्मि शुक्ला के खिलाफ फोन टैपिंग के मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही.
उल्लेखनीय है कि मौजूदा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस पहले ही इन आरोपों से इनकार कर चुके हैं. उन्होंने जनवरी 2020 में कहा था, ‘‘फोन टैपिंग महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है. मेरी सरकार ने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था.’’ पटोले ने कहा, ‘‘फोन टैपिंग के मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, लेकिन यह जरूरी है कि मामले के मूल में जाया जाए. उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के निर्देश के मुताबिक किसी का फोन टैप करने के लिए गृह सचिव की अनुमति अनिवार्य है. सरकार के वरिष्ठ सदस्यों के आशीर्वाद के बिना रश्मि शुक्ला की हिम्मत नहीं है कि वह फोन टैपिंग की गतिविधि में शामिल हों.’’
उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) जिनके पास उस समय गृह विभाग भी था की भूमिका की भी जांच फोन टैपिंग मामले में की जानी चाहिए. पटोले ने आरोप लगाया कि पूर्व गृहमंत्री फोन टैपिंग मामले में शामिल थे. उन्होंने दावा किया कि जब महाराष्ट्र में भाजपा नीत सरकार थी, तब वर्ष 2017 से 18 के दौरान फडणवीस की देखरेख में उनके, कई मंत्रियों और नेताओं की वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के फोन गैर कानूनी तरीके से टेप किए गए.
पटोले ने दावा किया, यह दिखाया गया कि हम मादक पदार्थ के सौदे में शामिल हैं और हमारे फोन टैप किए गए. हमें फर्जी मुस्लिम पहचान दी गई. मुझे ‘अमजद खान’ और बच्चू काडू (मौजूदा राज्य की महा विकास अघाडी सरकार में मंत्री) को ‘निजामुद्दीन बाबू शेख’ नाम दिया गया.’’ मैंने विधानसभा में भी फोन टैपिंग का मुद्दा उठाया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
पटोले ने बताया, ‘‘राज्य के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने सूचित किया है कि रश्मि शुक्ला जांच में दोषी पाई गई हैं और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.’’ उन्होंने दावा किया कि आमतौर पर आतंकवाद और मादक पदार्थ तस्करी जैसे गंभीर मामलों में विशेष अनुमति से फोन टैपिंग की जाती है, ‘‘लेकिन हमारे फोन इन अपराधों से कोई संबंध नहीं होने के बावजूद टैप किए गए.’’
पटोले ने कहा कि अब भी कई अनसुलझे सवाल हैं. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि रश्मि शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन कई सवाल हैं, जिनके जवाब अब तक नहीं मिले हैं, जैसे वह फोन टैप कर रिकॉर्डिंग किसे देती थीं. फोन टैपिंग का मकसद क्या था, किसने शुक्ला को फोन टैपिंग की अनुमति दी थी?’’ पटोले ने मांग की कि राज्य सरकार को फोन टैपिंग मामले की जांच में तेजी लानी चाहिए और असली ‘‘मास्टरमाइंड’ का पता लगाकर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
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