नई दिल्ली: चंडिकादास अमृतराव देशमुख, जिन्हें लोग प्यार से नानाजी देशमुख कहते हैं, को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के बाद वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से ऐसे दूसरे नेता हैं जिन्हें देश के इस सबसे प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किया जाने वाला है. नानाजी को मरणोपरांत यह सम्मान दिया जाने वाला है. नानाजी के साथ पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और गायक भूपेन हजारिका को भी भारत रत्न से सम्मानित किया जायेगा.
नानाजी देखमुख 1928 में 12 साल की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए और बाद में वह दक्षिणपंथी समूह की राजनीतिक शाखा भारतीय जनसंघ के सदस्य बने. इसके बाद वह जनता पार्टी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का हिस्सा बनें.
1977 और 1979 के बीच वह छठी लोकसभा के सदस्य थे और 1999 में तत्कालीन एनडीए सरकार ने उन्हें राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत किया. राज्यसभा की वेबसाइट के अनुसार नानाजी विवाहित थे. उन्होंने आरएसएस की विचारधारा के प्रचार-प्रसार के लिये भारत भर में सरस्वती विद्या मंदिर स्कूलों की श्रृंखला शुरू की.
नानाजी देशमुख ने दीन दयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट और मध्य प्रदेश में चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय की भी स्थापना की, जिसे देश का पहला ग्रामीण विश्वविद्यालय माना जाता है. पद्म विभूषण से सम्मानित नानाजी को चित्रकूट में करीब 500 गांवों में उनके कार्यों के लिये जाना जाता है. 94 साल की उम्र में 2010 में उनका निधन हुआ.
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