नंदा देवी देश की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है. साथ ही ये घने जंगल और खतरनाक जानवरों से भरी हुई है. यहां पर रहना हर किसी के बस की बात नहीं है. ऐसे में देश की बहादुर बेटियां यहां पर गश्त लगा रही हैं. दरअसल महीनों से महिला सुरक्षाकर्मी दुर्गा सती जिसकी उम्र 32 साल है, रोशनी नेगी जिसकी उम्र 25 है और ममता कंवासी जो 33 साल की हैं टैक्सिंग ट्रेक की तैयारी कर रही थीं और पिछले हफ्ते उन्हें देश के दूसरे सबसे ऊंचे पहाड़ नंदा देवी के जंगलों में तैनात किया गया. ये पहाड़ 25,000 फीट से ज्यादा ऊंचा है.
वहीं रोशनी ने बताया कि महिला वन रक्षक आमतौर पर 11,150 फीट पर लता तक जाती थीं और आगे जाने की परमिशन नहीं मिलती थी, लेकिन उन तीनों महिलाओं ने लता के आगे जाने का फैसला किया. रोशनी के मुताबिक वो जंगल में पेड़-पौधों और जीनवरों की रक्षा करना चाहती थी इस लिए उन्होंने आगे का सफर पूरा किया. वहीं ममता ने बताया कि 'हम दुर्लभ जानवरों जैसे तेंदुए, हिमालयी भालू, नीली भेड़ और पौधों की रक्षा के लिए पहाड़ों पर गश्त करते हैं, क्योंकि इन ऊंचाईयों पर भी शिकारियों का खतरा हमेशा बना रहता है'.
कैसे पूरा किया सफर
जानकारी के मुताबिक 1 जून को लता से इन तीनों महिलाओं ने अपना सफर शुरू किया था और भेलटा जो कि 11,800 फीट पर है वहां रात में रुकने के बाद लता खरक पहुंची जो 12,800 फीट पर है और फिर झंडीधारा 13,800 फीट पर चढ़ाई की और अंत में धरसी पहंची जो 14,500 फीट ऊंचाई पर है.
वन रक्षक हैं दुर्गा और ममता
दुर्गा ने अपनी टैक्सिंग ट्रेक के बारे में बताया कि ट्रेक खतरनाक था, इसे पूरा करने के लिए शारीरिक और मानसिक मजबूती की जरूरत होती है. उनके मुताबिक जरा सी भी असावधानी उन सबकी जान ले सकती थी. दुर्गा ने आगे कहा कि 'हमारे दिमाग में हिमालयी भालू और तेंदुओं का डर लगातार बना हुआ था. इसलिए हम हर समय सतर्क रहते थे'. वहीं दुर्गा और ममता दोनों 12 साल से वन रक्षक हैं.
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