नई दिल्लीः पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब पर हमले की निंदा करते हुए बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने शनिवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू कहां भाग गए हैं. उन्होंने सवाल किया कि इस घटना के बाद सिद्धू आईएसआई प्रमुख से गले मिलेंगे अथवा नहीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में धार्मिक स्थानों पर हिंसा की घटनाएं लगातार हो रही हैं और दशकों से अल्पसंख्यकों का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है.


मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाए कि हजारों घटनाएं हुई जिनमें महिलाओं को उठा लिया गया, जबरन उनका धर्मांतरण किया गया. मुस्लिम लड़कों से उनकी शादी करा दी गई. पुलिस, सरकार और अन्य एजेंसियां इस प्रक्रिया में भागीदार रहीं.


पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न


उन्होंने दावा किया कि ननकाना की घटना दिखाती है कि वहां किस तरह से अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है. लेखी ने ननकाना साहिब को सिखों का सबसे पवित्र स्थल बताते हुए कहा कि इस पर हमला काबा या यरूशलम पर हमले की तरह है.


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उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान बनने के बाद से ही लगातार उत्पीड़न जारी है, जिससे उत्पीड़न के शिकार अल्पसंख्यक भारत आने के लिए बाध्य हैं. यह न केवल सीएए जैसे कानूनों को उचित ठहराता है बल्कि इसे तुरंत लागू करने की आवश्यकता पर भी बल देता है. पाकिस्तान ने साबित कर दिया है कि सीएए सही है और इसे समय पर लाया गया है.''


'कहां भाग गए सिद्धू'


लेखी ने कहा, ''मुझे नहीं पता कि सिद्धू पा जी कहां भाग गए हैं. किसी को पता लगाना चाहिए कि नवजोत सिंह सिद्धू कहां हैं? अगर इतना सब कुछ होने के बावजूद वह आईएसआई प्रमुख को गले लगाना चाहते हैं तो कांग्रेस को इस पर गौर करना चाहिए.''


उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान और वहां के समाज को समझना चाहिए कि पाकिस्तानी सिख उस धरती के पुत्र हैं और वहां की धरती के प्रति उनका सम्मान जारी है.'' उन्होंने दावा किया कि उन्होंने ननकाना साहिब का नाम बदलकर गुलाम-ए-मुस्तफा करने की धमकी दी और कहा कि 21वीं सदी में पाकिस्तान की यह स्थिति है.


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