नारदा स्टिंग मामले में ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई से अलग हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश
सुप्रीम कोर्ट को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी जिनमें एक याचिका राज्य सरकार की है. मामले में सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किये जाने के दिन दोनों की भूमिकाओं के संबंध में याचिकाएं दाखिल की गईं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस नारदा स्टिंग टेप मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री की याचिका पर सुनवाई से अलग हो गए. कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मलय घटक की याचिकाएं आज ही अन्य पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की जा सकती हैं. याचिकाओं को चीफ जस्टिस के पास भेजा गया है.
न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति बोस की अवकाशकालीन पीठ जैसे ही आज की सुनवाई शुरू करने के लिए बैठी, न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि उनके साथी न्यायाधीश खुद को इन अपीलों पर सुनवाई से अलग कर रहे हैं. पीठ की अध्यक्षता करते हुए न्यायमूर्ति गुप्ता ने कहा कि अब इस विषय को प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण के समक्ष रखा जाएगा जो इस संबंध में फैसला ले सकते हैं. याचिकाओं को आज ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट को तीन याचिकाओं पर सुनवाई करनी थी जिनमें एक याचिका राज्य सरकार की है. इन याचिकाओं में 17 मई को सीबीआई द्वारा नारदा टेप मामले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी और पश्चिम बंगाल के कानून मंत्री को उनकी भूमिकाओं पर हलफनामे दाखिल करने से इनकार करने के, हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है. आरोप हैं कि पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने सीबीआई को मामले में चार नेताओं की गिरफ्तारी के बाद उसका कानूनी कामकाज करने से रोकने में अहम भूमिका अदा की.
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