West Bengal News: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और केंद्रीय एजेंसियों के बीच टकराव जारी है. इस बीच आज बंगाल विधानसभा में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के दो अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है. नारदा स्टिंग मामले में तृणमूल कांग्रेस के तीन विधायकों को गिरफ्तार करते समय विधानसभा अध्यक्ष को सूचित नहीं करके कथित रूप से उनके आसन की गरिमा कम करने के मामले में यह नोटिस दिया गया है.


तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक और मंत्री तापस रॉय ने नोटिस में कहा कि सीबीआई ने नारद मामले में इस साल शुरू में पार्टी के तीन विधायकों फरहाद हकीम, मदन मित्रा और सुब्रत मुखर्जी को गिरफ्तार किया था लेकिन इसके लिए विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से अनुमति नहीं मांगी गयी थी और ना ही उन्हें सूचित किया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने भी तीनों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था.


रॉय ने कहा कि सीबीआई और ईडी ने ऐसा करके विधानसभा अध्यक्ष के आसन की गरिमा को कम किया है. इसके साथ ही रॉय ने सीबीआई के उपाधीक्षक सत्येंद्र सिंह और ईडी के सहायक निदेशक आर बिस्वास के खिलाफ विशेषाधिकार हनन नोटिस दिया.


विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने यह मामला विशेषाधिकार विषयों से संबंधित समिति के पास भेज दिया और उससे इसकी जांच करने और सदन के अगले सत्र में रिपोर्ट पेश करने को कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि समिति की कार्यवाही गोपनीय रखी जाएगी.


ममता सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. विधानसभा में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव को पश्चिम बंगाल विधानसभा में ध्वनि मत से पारित किया गया है और विशेषाधिकार समिति को भेजा गया है जहां इसका बीजेपी सदस्यों द्वारा कड़ा विरोध होगा. टीएमसी सीबीआई और ईडी से डरती है क्योंकि वे सभी घोटालों में शामिल हैं.


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