कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी को सेहत संबंधी दिक्कतों के बाद मंगलवार को यहां एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें सीबीआई ने सोमवार को नारदा स्टिंग मामले में गिरफ्तार किया था.
अधिकारियों ने बताया कि तीनों के साथ ही गिरफ्तार किये गये तृणमूल कांग्रेस सरकार के एक और मंत्री फिरहाद हकिम को सुबह बुखार आने के बाद प्रेसीडेंसी करेक्शनल होम के एक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है.
मित्रा कोविड से हाल ही में उबरे हैं और उन्हें मधुमेह समेत अन्य बीमारियां हैं, वहीं चटर्जी को फेफड़े संबंधी समस्या के साथ मधुमेह भी है. दोनों को सांस लेने में दिक्कत होने के बाद मंगलवार तड़के सरकारी एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
मुखर्जी को शुरुआत में आज सुबह अस्पताल ले जाया गया और जांच के बाद वापस सुधार गृह लाया गया. अस्पताल के एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुखर्जी ने वहां भर्ती नहीं होने की इच्छा जताई थी.
76 वर्षीय मुखर्जी को बाद में दोबारा अस्पताल ले जाया गया और भर्ती कराया गया. उन्होंने सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत की थी.
सरकारी अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘चटर्जी और मित्रा ने सुबह करीब तीन बजे सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत की थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल लाया गया. दोनों को एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न ब्लॉक में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. वे अब स्थिर हैं.’’
उन्होंने बताया कि मित्रा और चटर्जी के छाती के एक्स-रे किये गये, वहीं मुखर्जी को नेबुलाइजर पर रखा गया है. उनके आरटी-पीसीआर परीक्षण भी कराये गये हैं.
नेताओं के भर्ती किये जाने के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने उनकी सेहत पर नजर रखने के लिए एक चिकित्सा बोर्ड का गठन किया. उन्होंने कहा, ‘‘बोर्ड में चिकित्सा और छाती रोग विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर हैं. वे नेताओं पर चौबीसों घंटे नजर रखेंगे.’’
अस्पताल में कोलकाता पुलिस के कर्मियों को तैनात किया गया है. तीनों गिरफ्तार नेताओं के परिजन उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारदा स्टिंग मामले में तृणमूल कांग्रेस के दो मंत्रियों, एक विधायक और पार्टी के एक पूर्व नेता को जमानत देने के सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर रोक लगा दी थी.
उच्च न्यायालय की पीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि विशेष अदालत के आदेश पर रोक लगाना ही सही होगा. पीठ ने यह निर्देश भी दिया कि आरोपियों को अगले आदेश तक न्यायिक हिरासत में माना जाएगा.
नारदा टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए.
यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में मार्च 2017 को सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
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