नई दिल्ली: नारदा स्टिंग केस में टीएमसी के नेताओं और मंत्रियों की गिरफ्तारी के बाद से सियासी हंगामा खड़ा हो गया है. टीएमसी का कहना है कि यह राजनीतिक बदले की कार्रवाई है. पार्टी का कहना है कि नारदा स्टिंग केस में शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय को क्यों नहीं गिरफ्तार किया गया है.


विवाद के बीच सीबीआई के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए मुकुल रॉय और तृणमूल कांग्रेस से लोकसभा सदस्य अपरूपा पोद्दार के खिलाफ 2014 के नारदा स्टिंग मामले में ‘अबतक’ कुछ नहीं मिला है. हालांकि केंद्रीय एजेंसी ने लोकसभा अध्यक्ष से दो साल पहले शुभेंदु अधिकारी समेत चार अन्य के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगी थी .


बहरहाल, अधिकारियों ने बताया कि जांच अब भी चल रही है और किसी को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है. अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने छह अप्रैल 2019 को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर शुभेंदु अधिकारी, सौगत रॉय, काकोली घोष दस्तीदार और प्रसून बनर्जी के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मांगी थी क्योंकि ये सभी कथित घटना के समय लोकसभा के सदस्य थे.


शुभेंदु अधिकारी कभी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी विश्वस्त माने जाते थे लेकिन वह दिसंबर 2020 में भाजपा में शामिल हो गए थे और हाल में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से हरा दिया. वह अब विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं.


सीबीआई ने आरोप लगाया है कि नारदा टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में एक कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आए.


यह टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था. हालांकि, चुनाव पर इसका असर नहीं पड़ा और बनर्जी की सत्ता में वापसी हुई.


एजेंसी ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के मंत्रियों फिरहाद हाकिम व सुब्रत मुखर्जी, तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता तथा कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर कर दिया. राज्यपाल ने सीबीआई को सात मई को उनके खिलाफ अभियोजन की मंजूरी दे दी थी.


आईपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा उन आरोपियों में शामिल हैं जिनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया है और वह फिलहाल जमानत पर हैं.


अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई की प्राथमिकी में 13 आरोपी नामज़द हैं और नवंबर 2017 में बीजेपी में शामिल होने वाले रॉय और तृणमूल कांग्रेस की सांसद पोद्दार के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी नहीं मांगी गई थी, क्योंकि उनके खिलाफ अबतक कुछ नहीं मिला है.


इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुल्तान अहमद भी आरोपी थे लेकिन उनकी सितंबर 2017 में मृत्यु हो गई है. सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए बंगाल में मंत्री हाकिम ने सोमवार शाम को ट्विटर पर आरोप लगाया कि जो लोग दबाव के हथकंडों के आगे झुक गए और बीजेपी में शामिल हो गए, वे आज सीबीआई की गिरफ्तारी और उत्पीड़न से बच गए.


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