नई दिल्ली-कोलकाता: नारदा स्टिंग प्रकरण में कथित आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के 12 नेताओं पर मामला दर्ज किया है जिस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे ‘राजनीतिक खेल’ बताया. इस सूची में तृणमूल कांग्रेस के दिग्गजों के नाम हैं और एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी है.


पश्चिम बंगाल में 2016 में हुए विधानसभा चुनावों से पहले विभिन्न समाचार चैनलों पर नारदा स्टिंग के टेप प्रसारित किये गये थे जिनमें भविष्य में फायदा पहुंचाने के एवज में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को कथित तौर पर लोगों से पैसे लेते हुए देखा गया.


नारदान्यूज डॉट कॉम पोर्टल ने टेप प्रसारित किये थे जिसके बाद भाजपा ने चुनावों के दौरान ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला था. इस मामले से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को गहरा झटका लगा था लेकिन वह फिर भी दोबारा चुनाव में जीतकर सत्ता पर काबिज हुई. सीबीआई ने राज्यसभा सदस्य मुकुल रॉय और लोकसभा सांसदों सौगत राय, सुल्तान अहमद, काकोली घोष दस्तीदार, अपरूपा पोद्दार और प्रसून बनर्जी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है.


प्राथमिकी में पश्चिम बंगाल के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हाकिम, परिवहन मंत्री सुवेंदु अधिकारी, पर्यावरण मंत्री शोभन चटर्जी और पंचायती राज तथा ग्रामीण विकास मंत्री सुब्रत मुखर्जी के भी नाम हैं. सीबीआई ने कथित अपराध में पूर्व मंत्री मदन मित्रा, विधायक इकबाल अहमद और आईपीएस अधिकारी सैयद मुस्तफा हुसैन मिर्जा को भी आरोपी बनाया है.


विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार से अकसर टक्कर लेने वाली ममता बनर्जी ने तृणमूल नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने को ‘राजनीतिक खेल’ बताया है और कहा कि ‘‘हम राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे.’’ ममता ने कोलकाता में राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘उन्होंने (सीबीआई ने) प्राथमिकी दर्ज कर दी है, तो क्या इसका यह मतलब है कि उनका दोष साबित हो गया है? पहले उन्हें दोष साबित करने दें. चिंता की कोई बात नहीं है.’’


कलकत्ता उच्च न्यायालय ने टेपों के मामले में प्रारंभिक जांच करने का आदेश सीबीआई को दिया था. पश्चिम बंगाल सरकार ने आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसने 17 मार्च को राहत देने से मना कर दिया और सीबीआई को जरूरी होने पर प्राथमिकी दर्ज करने के लिए एक महीने का समय दिया था. आपराधिक षड्यंत्र से संबंधित आईपीसी की धारा 120 :बी: और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.


इन अपराधों में अधिकतम सजा पांच से सात साल की कैद की हो सकती है. स्टिंग ऑपरेशन करीब दो साल तक करने का दावा किया गया और एक पत्रिका में उन्हें प्रकाशित करने की योजना थी जिसके पीछे मैथ्यू सैमुअल थे. हालांकि बाद में नारदा न्यूज डॉट कॉम पर टेप चलाये गये जिसके वह सीईओ हैं.