अहमदाबाद: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़ा भूकंप आने की तैयारी में है. कांग्रेस नेता नारायण राणे बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इस संभावना को इस बात से बल मिल रहा है कि नारायण राणे ने अहमदाबाद आकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की है. अमित शाह के साथ राणे की ये मुलाकात कल देर शाम हुई. इस मुलाकात में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई. उच्च पदस्थ सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है.


इस मुलाकात के आगे-पीछे का घटनाक्रम काफी रोचक है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कल अहमदाबाद में थे, क्योंकि उनकी एक मात्र संतान जय की पत्नी ऋषिता ने बच्ची को जन्म दिया है. पिता से दादा बन चुके अमित शाह अपनी पोती को देखने के लिए परसों अहमदाबाद आए थे. इस बीच कल शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का अहमदाबाद आना हुआ. फडणवीस ने अपनी मुलाकात को निजी ही रखा था यानी उनके दौरे के बारे में गुजरात सरकार को कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई थी. चूंकि राज्य के प्रोटोकॉल विभाग के पास फडणवीस के आने की कोई सूचना नहीं थी, ऐसे में राज्य के खुफिया तंत्र को जब फडणवीस के आने की जानकारी मिली, तो आनन-फानन में उनके लिए सुरक्षा बंदोबस्त और गाड़ियों के काफिले की व्यवस्था की गई. गाड़ियों का ये वही काफिला था, जो आम तौर पर गुजरात के मुख्यमंत्री के लिए इस्तेमाल होता है.


देवेंद्र फडणवीस एयरपोर्ट से सीधे अमित शाह के घर जाने वाले थे, जो अहमदाबाद शहर के थलतेज इलाके के रॉयल क्रिसेंट सोसायटी में है. लेकिन एयरपोर्ट से निकले फडणवीस ने सुरक्षाकर्मियों को शहर के सर्किट हाउस एनेक्सी में चलने के लिए कहा, जो स्टेट गेस्ट हाउस के तौर पर भी जाना जाता है. सुरक्षाकर्मियों को ये बात समझ में नहीं आई कि आखिर फडणवीस ने अपना कार्यक्रम क्यों बदल दिया. गाड़ी से नीचे उतरकर फडणवीस ने कहा कि उनके एक मित्र आने वाले हैं, जिनके साथ वो जाएंगे.


थोड़ी देर में ही फडणवीस के ये मित्र भी सर्किट हाउस पहुंच गये. मित्र कोई और नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े सितारे नारायण राणे थे. और राणे भी अकेले नहीं आए थे, बल्कि अपने बेटे नीतेश राणे को भी साथ लेकर आए थे, जो खुद विधायक हैं. यहां से राणे और उनके पुत्र नीतेश महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ उस स्कोर्पियो में सवार हुए, जो गुजरात सरकार की तरफ से उन्हें मुहैया कराई गई थी. बीच की सीट पर देवेंद्र फडणवीस नारायण राणे को लेकर बैठे, तो आगे ड्राइवर के बगल में बैठे नीतेश राणे.



यहां से फडणवीस, राणे और नीतेश अमित शाह के घर पहुंचे. कोशिश ये थी कि राणे की अमित शाह से मुलाकात को गुप्त ही रखा जाए. लेकिन जब गाड़ियों का काफिला वहां पहुंचा, तो मीडियाकर्मियों को फडणवीस के आने की भनक लग चुकी थी और टीवी कैमरे वहां मौजूद थे. ऐसे में फडणवीस तो गाड़ी से उतर गये, लेकिन राणे और उनके पुत्र नहीं. गाड़ी को बाद में आगे ले जाया गया और फिर राणे पिता-पुत्र अमित शाह के मकान के अंदर गये.


रात करीब दस बजे मुलाकात का सिलसिला शुरु हुआ. अमित शाह के साथ नारायण राणे, नीतेश राणे और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात का ये सिलसिला करीब घंटे भर तक चला. उसके बाद फडणवीस निकल गये और सीधे एयरपोर्ट गये, जहां पर चार्टर्ड विमान उनका इंतजार कर रहा था. जहां तक राणे का सवाल है, वो फडणवीस के जाने के बाद मीडिया के कैमरे जब खिसक गये, तो वहां से निकले और फिर होटल हयात रिजेंसी के लिए रवाना हो गये. अहमदाबाद शहर के आश्रम रोड इलाके में मौजूद हयात रिजेंसी में ही नारायण राणे ने कल शाम चेक इन किया था, जब वो गोवा से सीधे अहमदाबाद पहुंचे थे इस गुप्त मुलाकात के लिए. कल रात की मुलाकात के बाद आज सुबह नारायण राणे अपने बेटे के साथ मुंबई के लिए रवाना हो गये. अहमदाबाद एयरपोर्ट पर जब मीडिया ने उनको घेरा, तो सवालों का जवाब दिये बगैर वो निकल गये.


राणे के जाने के दो घंटे बाद अमित शाह भी अहमदाबाद से रवाना हो गये. अमित शाह को भुवनेश्वर का रुख करना था, जहां बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने वाली है, जिसमें शनिवार और रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शिरकत करने वाले हैं. जानकार सूत्र बताते हैं कि अमित शाह के साथ राणे की मुलाकात पहले दिल्ली में होनी थी, लेकिन पौत्री के जन्म के कारण अमित शाह के परसों अचानक अहमदाबाद का रुख कर लेने के कारण मुलाकात की जगह दिल्ली के 11, अकबर रोड वाले अमित शाह के सरकारी आवास की जगह अहमदाबाद का निजी आवास हो गया, जो 15 रायल क्रिसेंट के तौर पर जाना जाता है. कोशिश तो यही थी कि मुलाकात गुप्त रहे, तीनों तरफ से इसके लिए प्रयास भी हुए थे. इसी लिए फडणवीस बिना प्रोटोकॉल के अहमदाबाद पहुंचे थे, तो राणे चुपचाप अहमदाबाद आए थे और अमित शाह अपनी पौत्री के जन्म के सिलसिले में अहमदाबाद में थे.


लेकिन मुलाकात की बात जब गुप्त से आम हो गई है, तो भी तीनों ही चुप्पी साधे हुए है. औपचारिक तौर पर यही कहा जा रहा है कि फडणवीस का अहमदाबाद इसलिए आना हुआ था, क्योंकि फडणवीस को भी एकमात्र बेटी ही है और ऐसे में अमित शाह के एक मात्र बेटे के घर बेटी के जन्म पर अपनी शुभकामनाएं निजी तौर पर देने के लिए उनका अहमदाबाद आना हुआ था. साथ में राणे के होने की बात से इंकार ही किया जा रहा है.


सूत्र बताते हैं कि महाराष्ट्र की राजनीति के बड़े सितारे नारायण राणे और उनके समर्थकों को बीजेपी के साथ जोड़कर अमित शाह एक तीर से दो निशाने साधेगें. राणे के बीजेपी में आने पर जहां एक तरफ कांग्रेस कमजोर होगी, वही शिवसेना के सामने बीजेपी का पलड़ा और भारी हो जाएगा. शिवसेना को उसी के अंदाज में जवाब देने की क्षमता नारायण राणे के पास है, क्योंकि वो एक समय खुद शिवसेना के बड़े सितारे रह चुके हैं. जाहिर है, शाह ने सियासी शतरंज की बिसात पर एक बड़ी चाल चली है, जिसकी धमक अभी से महाराष्ट्र में सुनाई पड़ने लगी है.