Narayan Rane News: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है और कहा है कि उन पर दर्ज किए मामले ग़लत हैं. इसके साथ ही उन्होंने एफ़आईआर रद्द करने की मांग की. बता दें कि मंगलवार को दिन में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ विवावित बयान देने के आरोप के तहत हुई कार्रवाई में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. बाद में देर रात उन्हें बेल मिल गई.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के ख़िलाफ़ महाराष्ट्र के पुणे, नाशिक, महाड और ठाणे में चार मामले दर्ज हुए हैं. इन मामलों के दर्ज होने के पिछले की वजह राणे का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लेकर ‘थप्पड़ वाला’ कमेंट था. इन मामलों में दायर एफ़आईआर को रद्द करने की मांग नारायण राणे ने की है. केंद्रीय मंत्री की याचिका पर आज न्यायमूर्ति एसएस शिंदे और एनजे जामदर की बेंच सुनवाई करेगी.
याचिका में क्या कहा गया है?
- इन सभी एफ़आईआर में आईपीसी की जो धाराएं लगाई गई हैं वो सभी ग़लत धाराएं हैं. उन धाराओं के तहत यह मामला नहीं बनता
- नारायण राणे ने प्रेस कोनफ़्रेंस के दौरान जो कमेंट किया था उससे समाज में किसी तरह का मतभेद निर्माण करने की किसी भी तरह का कोई प्रयत्न नहीं किया गया था.
- एफ़आईआर दर्ज करने के बाद सीआरपीसी की धारा 41 (a) के तहत किसी भी तरह की नोटिस नहीं दी गई और करवाई की गई (इस याचिका में सवाल पूछा गया).
- नारायण राणे पर आईपीसी की जो धाराएं लगाई गई हैं उसने ज़्यादा से ज़्यादा सात साल की सजा है, इस वजह से उन्हें गिरफ़्तार करने की आवश्यकता नहीं है.
महाराष्ट्र के महाड की एक अदालत ने नारायण राणे को जमानत देते हुए कहा कि उनकी गिरफ्तारी सही है, लेकिन हिरासत में रखकर पूछताछ करने की आवश्यकता नहीं. अदालत ने मंगलवार देर रात राणे को जमानत दे दी थी, जिसके आदेश की विस्तृत प्रति बुधवार को जारी की गई. मजिस्ट्रेट एसएस पाटिल ने आदेश में कहा, ‘‘ गिरफ्तारी के कारण और अन्य कारणों पर गौर करते हुए, मुझे लगता है कि गिरफ्तारी सही है.’’