मुंबईः महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और शिवसेना के बीच शुरू हुई राजनैतिक जंग कम नही हो रही है. नारायण राणे मामले में बयानबाजी को लेकर राउत और नारायण राणे में तल्खी बढ़ गई थी जिसके बाद राणे ने राउत को कोर्ट में देख लेने की बात कही थी. संजय राउत ने सामना अखबार में नारायण राणे को छेदवाला गुब्बारा बताया था जिसको लेकर राणे और उनके बेटों ने काफी नाराजगी जताई थी. सामना संपादकीय में संजय राउत ने नारायण राणे को छेदवाला गुब्बारा बताया था जिसमे भाजपा जबरन हवा भर रही है.
दोनो पक्षो में बात ज्यादा ना बढ़ जाए इसलिए महाराष्ट्र सरकार ने संजय राउत के घर की सुरक्षा बढ़ाने का फैसला किया है. फैसले के बाद संजय राउत के विक्रोली घर आज डीसीपी और एडिशनल कमिंशनर खुद गए और उनके घर से सामना दफ्तर जाने के रूट और बाकी दिनचर्या की जानकारी ली और सुरक्षा में बढ़ोत्तररी का राज्य सरकार विभाग को सुझाव दिया.
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री नारायण राणे की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान नारायण राणे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था . जिसके बाद गुस्साए शिवसेना कार्यकर्ताओं ने नाशिक, पुणे, रायगढ़ और ठाणे जिले में नारायण राणे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया.
मामला इतने पर ठंडा नहीं हुआ, राज्य भर में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने नारायण राणे के खिलाफ प्रदर्शन किया. कई शहरों में बीजेपी के दफ्तर पर पत्थरबाजी हुई. मुंबई के जुहू इलाके में स्थित नारायण राणे के घर पर सैकड़ों शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया और पत्थरबाजी भी की. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को कोर्ट से जमानत लेनी पड़ी.
इस घटना के बाद से ही ट्विटर पर आए दिन दोनों पक्षों की ओर से वाद-विवाद शुरू है. एक तरफ नारायण राणे के बेटे नितेश राणे, टि्वटर पर संजय राउत के खिलाफ कटाक्ष करते हैं तो वहीं शिवसेना के मुखपत्र सामना में संपादकीय के जरिए भी नारायण राणे पर टिप्पणी की गई.
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