नई दिल्ली: नारकोटिक्स टेरर फंडिंग मामले में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने आज हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ 14000 पेजों का आरोप पत्र पंजाब की विशेष स्थित मोहाली की विशेष अदालत के सामने पेश किया. इनमें से सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. दो लोग फरार बताए गए हैं जबकि हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज नायकू मारा जा चुका है.


एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया के विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत यह मुकदमा एनआईए ने 25 अप्रैल 2020 को दर्ज किया था. इसके पहले इस मामले में पंजाब की अमृतसर पुलिस ने अपराधिक मुकदमा दर्ज किया था. इसके आधार पर जांच एनआईए को सौंपी गई थी.


जिन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें जम्मू कश्मीर का पुलवामा निवासी हिलाल अहमद, पंजाब के अमृतसर निवासी विक्रम सिंह, मनिंदर सिंह, रंजीत सिंह, गगनदीप सिंह और पंजाब के गुरदासपुर इलाके के निवासी जसवंत सिंह और रंजीत सिंह शामिल हैं. इन सभी को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि अमृतसर निवासी इकबाल सिंह और अनंतनाग का रहने वाला जफर हुसैन भट्ट फरार बताए गए हैं. इनमें जफर हुसैन इस समय पाकिस्तान में बताया जाता है. मामले का दसवां आरोपी और आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का कमांडर रियाज अहमद नायकू को मारा जा चुका है.


एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि यह पूरा मामला नारको टेररिज्म से जुड़ा हुआ है और इस मामले में भारत पाकिस्तान के बीच होने वाले ट्रेड व्यापार के जरिए पाकिस्तान में बैठे हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर आतंक की नई कहानी लिख रहे थे और नारकोटिक्स के बदले मिलने वाली रकम को आतंक फैलाने के लिए आतंकवादियों तक पहुंचाने का काम कर रहे थे. जांच के दौरान पता चला कि इस मामले में गिरफ्तार हिलाल अहमद जो अमृतसर 29 लाख रुपए लेने आया था, वास्तव में वह आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन का सदस्य था और हिज्बुल मुजाहिदीन के मारे गए कमांड रियाज अहमद नायकू का खासम खास भी बताया जाता है.


जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि बॉर्डर ट्रेड के जरिए हीरोइन की छह खेपे भारत भेजी गई. होता यह था कि ट्रेड के जरिए जो सामान भारत में आता था उसी में नशीला पदार्थ छुपाकर भेजा जाता था. ट्रेड के जरिए जो सामान आया है उसका पैसा दिखाने के लिए वापस पाकिस्तान भेजा जाता था जबकि नारकोटिक्स से होने वाले फायदों को आतंक के लिए आतंकवादियों तक पहुंचाया जाता था. पूरा मामला ट्रेड से इसलिए जुड़ा हुआ था क्योंकि नारकोटिक्स ट्रेड के जरिए आने वाले सामान के जरिए ही भारत में पहुंच रहा था.


एनआईए ने इस मामले में कुल 15 जगहों पर छापेमारी की थी और छापेमारी के दौरान लगभग एक करोड़ रुपए की रकम और 8 वाहन जब्त किए थे. इस छापेमारी के दौरान अनेक ऐसे दस्तावेज भी बरामद हुए थे जिनसे पता चलता था कि मामले के आरोपियों द्वारा बेनामी संपत्ति भी खरीदी गई है.


एनआईए ने पूरे मामले की जांच के बाद आज अपना आरोप पत्र मोहाली की विशेष अदालत के सामने पेश कर दिया इस मामले में फरार दोनों आरोपियों की तलाश जारी है और मामले की जांच अभी भी जारी है. ध्यान रहे कि इसके पहले अटारी बॉर्डर पर 532 किलो हेरोइन भी जप्त की गई थी और इस बारे में भी एनआईए ने एक अलग से मुकदमा दर्ज किया हुआ है और उस मामले में भी जांच जारी है.


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