संसद में पीएम मोदी ने समझाई FDI की नई परिभाषा, किसान आंदोलन पर विदेशियों के ट्वीट पर इस तरह साधा निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि कृषि मंत्री किसान नेताओं से लगातर बात कर रहे हैं. कोई तनाव नहीं है. बातें समझने-समझाने का प्रयास चल रहा है. आंदोलन कर रहे लोगों से कहता हूं कि बुजुर्ग लोगों को वहां से भेजा जाए. आंदोलन को खत्म करके बातचीत से समाधान निकाला जाए.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में बोले और जमकर बोले. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव से बोलना शुरू किया और किसान आंदोलन के डीएनए तक बोले. पीएम मोदी ने संसद से देश को FDI “फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट” की नई परिभाषा बताई, जो किसान आंदोलन के संदर्भ में निकल कर सामने आया है. एफडीआई को आसान भाषा में कहें तो प्रत्यक्ष विदेशी निवेश. मतलब कि विदेश की कोई कंपनी भारत की किसी कंपनी में सीधे पैसा लगा दे. पीएम मोदी वाला एफडीआई भी विदेशी है, लेकिन इसका संबंध पैसे के निवेश से नहीं बल्कि विचारों के निवेश से है.
संसद में पीएम मोदी ने कहा कि देश को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की जरूरत है. मगर नया FDI जो आया है, उससे बचने की जरूरत है. हिंदी में इसका तर्जुमा करें तो इसका मतलब होता है विदेशी विनाशकारी विचारधारा. पीएम मोदी ने FDI की नई व्याख्या किसान आंदोलन के संदर्भ में की है.आपको बता दें कि पिछले दिनों किसान आंदोलन को लेकर कुछ विदेशी हस्तियों नें अपने विचार सोशल मीडिया पर साझा किए थे. इनमें पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना और पोर्न स्टार मिया खलीफा समेत कई हस्तियां शामिल थीं. जिसके बाद से सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और कई भारतीय हस्तियां उनके खिलाफ मैदान में उतर गईं थीं. पीएम मोदी ने सोमवार को संसद में किसी का जिक्र किए बिना ही FDI की नई व्याख्या से सभी पर निशाना साध दिया.
प्रधाननंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हमने बुद्धिजीवी सुने थे, लेकिन अब “आंदोलन जीवियों” की एक नई जमात आ गई है. ये हर आंदोलन में दिखाई देते हैं. पीएम ने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करके हमें इनसे बचना होगा. ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है जो भारत को अस्थिर करना चाहते हैं.
पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह का एक कोट पढ़ा. पीएम ने कहा, "मनमोहन सिंह जी ने किसान को उपज बेचने की आजादी दिलाने, भारत को एक कृषि बाज़ार दिलाने के संबंध में अपना इरादा व्यक्त किया था और वो काम हम कर रहे हैं. आप लोगों को गर्व होना चाहिए कि देखिए मनमोहन सिंह जी ने कहा था वो मोदी को करना पड़ रहा है."
पीएम ने कहा कि कृषि मंत्री किसान नेताओं से लगातर बात कर रहे हैं. कोई तनाव नहीं है. बातें समझने-समझाने का प्रयास चल रहा है. आंदोलन कर रहे लोगों से कहता हूं कि बुजुर्ग लोगों को वहां से भेजा जाए. आंदोलन को खत्म करके बातचीत से समाधान निकाला जाए.
अब हालांकि इस विचारों के निवेश यानी FDI मामले में नया मोड़ आ गया है, विदेशी हस्तियों के ख़िलाफ़ मैदान में उतरे सचिन तेंदुलकर, लता मंगेशकर और अन्य हस्तियों के ख़िलाफ़ जांच होगी, जांच इस बात की होगी कि उन्होंने ये अपने देश की संप्रभुत के समर्थन में ट्वीट क्यों लिखे. बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार ने कांग्रेस की शिकायत पर जांच के आदेश दिए हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है, जब देश की बड़ी हस्तियों के ट्वीट लेने पर जांच के आदेश किसी राज्य की सरकार ने दिए हैं, ज़ाहिर है अब जांच पर राजनीति युद्ध भी होगा.