अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब खुद गुजरात के चुनावी रण में कूद पड़े हैं. उन्होंने अपने चुनावी अभियान के पहले ही दिन से कांग्रेस पर करारा हमला बोला है. उन्होंने खुद को गुजरात की जनता से कनेक्ट करने के लिए गुजराती में भाषण दिया. आज पीएम अपने भाषण से कई तरह के कार्ड खेल गये. खुद को गुजराती अस्मिता से जोड़ते हुए विपक्ष पर जोरदार हमला किया. पीएम मोदी के भाषण में आज पटेल कार्ड की भी आज झलक दिखी.
पीएम ने आज चार रैलियां कीं और बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने की पूरी कोशिश की. यकीनन गुजरात में बीजेपी के लिए सबसे बड़े स्टार प्रचारक नरेंद्र मोदी हैं और उनकी रैलियों से ये बात साफ भी हो गई. चलिए आपको बताते हैं पीएम की 4 रैलियों की 4 बड़ी बातें.
चाय बेचूंगा, देश नहीं- मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुज में कहा कि जितना कीचड़ उछलेगा, उतना कमल खिलेगा और जसदन में कहा कि मैं मोदी हूं, चाय बेचूंगा देश नहीं. अपने भाषणों में उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पर उन्होंने जमकर हमला बोला और साथ ही ये भी कहा कि,"तुम्हारी ये हिम्मत की गुजरात में आकर मुझ पर हमला करो. गुजरात ने मुझे बच्चे की तरह पाला है. मेरे लिए गुजरात आत्मा है और भारत परमात्मा है. गुजरात के बेटे पर हमला करने के लिए जनता तुम्हें माफ नहीं करेगी."
राहुल गांधी को घेरा
मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया और कहा कि अंग्रेजी अखबार ने छापा, दुश्मन लाशों को ट्रक में भर कर ले गए. हमसे वीडियो मांगा गया लेकिन हम दुश्मन को मारने गए थे फिल्म बनाने नहीं गए थे. प्रधानमंत्री ने कहा कि डोकलाम में 72 दिन तक हमारे सैनिक उनकी आंख से आँख मिलाकर बात करते रहे और आप चीनी राजदूत के गले लग गए. मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा, गुजरात की केसर केरी (आम) दुनिया भर में प्रसिद्ध है लेकिन राहुल गांधी सोचते हैं कि केसर तो कश्मीर में होता है.
कच्छ की देवी को किया नमन
पीएम मोदी सफेद कुर्ता और भगवा सदरी पहने आशापुरा माता के दर्शन के लिए पहुंचे. उन्होंने देवी मां को हाथ जोड़कर प्रणाम किया और फिर मंदिर के पुजारी ने अंदर से उन्हें आरती का दीपदान दिया. शक्ति के साधक पीएम मोदी ने मंत्रोच्चार के बीच आरती भी की. आरती पूरी हुई तो पुजारी ने मोदी के कंधे पर मां की चुनरी रखकर आशीर्वाद दिया, करीब 5 मिनट की पूजा के बाद मोदी ने मां की चरण पादुका को प्रणाम किया और चल दिए.
इस पूजा की खास बात ये रही कि मोदी के दर्शन के वक्त आम श्रद्धालुओं को भी मंदिर में आने दिया जा रहा था, पूजा के बाद मोदी आम लोगों के बीच चले गए. वहां मौजूद महिलाओं से मोदी हाथ जोड़कर मिले और फिर बाहर निकले, मंदिर के बाहर भी मोदी को देखने के लिए लोगों की भीड़ आई थी, पीएम यहां भी सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए लोगों के बीच गए. आशापुरा माता का मंदिर भुज से 95 किलोमीटर पहले मढ़ में है. आशापुरा माता को गुजरात के कई समुदायों की कुलदेवी माना जाता है.
इस मंदिर से मोदी का पुराना लगाव है. गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले मोदी ने यहीं से मां का दर्शन कर प्रचार शुरू किया था. इस बार जब टक्कर कांटे की है तो एक बार फिर मोदी ने आशापुरा मां का आशीर्वाद लिया है.
पटेल कार्ड भी खेला
मोदी ने अपने भाषण के दौरान पटेल कार्ड भी खेला. एक पूर्व मुख्यमंत्री का जिक्र करके आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के नेताओं ने जिस पटेल को सीएम बनाया, नौ महीने भी कांग्रेस ने वो सरकार नहीं चलने दी. मोदी ने आरोप लगाया कि 1975 में जिस बाबू भाई पटेल को जनता परिवार ने सीएम बनाया उसे नौ महीने में ही कांग्रेस ने गिरा दिया. बाबू भाई, जनवरी 1975 से 12 मार्च 1976 तक सीएम रहे थे. इसके बाद नौ महीने तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा, फिर 24 दिसंबर 1976 से अप्रैल 1977 तक माधव सिंह सोलंकी सीएम रहे और इसके बाद फिर से बाबू भाई पटेल जनता पार्टी से सीएम बने.
बाबू भाई पटेल के सीएम बनने से पहले कांग्रेस से पटेल समाज के चिमन भाई पटेल 18 जुलाई 1973 से 9 फरवरी 74 तक सीएम रह चुके हैं. हालांकि चिमन भाई बाद में जनता परिवार में शामिल हो गये थे. बाद में चिमन भाई पटेल दो बार बीजेपी के सहयोग से सीएम बने. बीजेपी ने ही केशुभाई पटेल को भी सीएम बनाया. मोदी पीएम बने तो आनंदी बेन सीएम बनीं. चिमन भाई का पहला टर्म छोड़ दें तो गुजरात में अब तक जितने भी पटेल सीएम हुए सबके सब गैर कांग्रेसी रहे. पंद्रह फीसदी पटेल वोट के लिए मोदी यही बात पटेल वोटरों को बताने में जुटे हुए हैं.