Narendra Modi Birthday Special: जानें पीएम मोदी की जिंदगी की 15 अनकही बातें
नरेंद्र मोदी जन्मदिन: कल यानी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 68वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं.
नई दिल्लीः कल यानी 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना 68वां जन्मदिन मनाने जा रहे हैं. इस बार पीएम मोदी अपना जन्मदिवस अपने चुनाव क्षेत्र वाराणसी में मना रहे हैं. उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बता रहे हैं उनकी जिंदगी से जुड़े हुए कुछ ऐसे पहलू जिनके बारे में आपको शायद ही पता हो.
1. नरेंद्र मोदी सात भाई-बहनों में बीच के हैं. उनसे बड़ी एक बहन और दो भाई, तो उनसे छोटे दो भाई और एक बहन हैं. सबसे बड़ी बहन हैं शारदाबेन, उसके बाद सोमभाई, फिर अमृतभाई. नरेंद्र मोदी से छोटे हैं प्रह्लादभाई, उसके बाद बसंतीबेन और फिर पंकज मोदी.
2. पीएम मोदी की पढ़ाई लिखाई उनके जन्मस्थान वडनगर में ही शुरु हुई थी. प्राथमिक शिक्षण यानी कक्षा सात तक की शिक्षा मोदी ने वडनगर के ही दरबार स्कूल से हासिल की, जिसकी स्थापना 1881 में हुई थी, जब महेसाणा पर वडोदरा रियासत के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय का शासन था. (ये स्कूल फिलहाल प्राथमिक कुमार शाला नंबर 1 के तौर पर जाना जाता है)
3. नरेंद्र मोदी ने कक्षा आठ में वडनगर के ही बी एन हाईस्कूल में दाखिला लिया और यहीं पर ग्यारहवीं तक की पढ़ाई की. मोदी का यहां 10 जून 1963 को दाखिला हुआ था. इस स्कूल की प्रवेश पुस्तिका में मोदी की जन्म तारीख 29 अगस्त 1949 दर्ज है. बताया जाता है कि नियमों के मुताबिक 31 अगस्त तक पांच वर्ष की उम्र पूरी करने वाले को ही प्रथम वर्ग में प्रवेश मिल पाता था, ऐसे में मोदी को प्रवेश देने के चक्कर में ही दरबार स्कूल के तत्कालीन शिक्षकों ने उनकी उम्र में इजाफा कर जन्म तारीख 29 अगस्त 1949 कर दी थी.4. बी एन हाईस्कूल में पढ़ाई के दौरान मोदी एनसीसी के अलावा रंगमंच में भी सक्रिय थे. मोदी की एनसीसी वाली तस्वीर और जोगीदास खुमाण नामक नाटक में मुख्य किरदार की भूमिका निभाने वाले फोटोग्राफ्स इसी स्कूल में पढ़ाई के दौरान के हैं.
5. वडनगर में पढ़ाई के दौरान ही मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस से भी जुडे और बाल स्वयंसेवक के तौर पर संघ की शाखाओं में जाते रहे. यही पर उनकी मुलाकात आरएसएस के प्रचारक लक्ष्मणराव ईनामदार से हुई थी, जो बाद में वकील साहब के तौर पर मशहूर हुए और मोदी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 6. मोदी ने ग्यारहवीं की परीक्षा 1967 में दी और उसमें उत्तीर्ण होने के बाद महेसाणा जिले के विसनगर शहर की एम एन कॉलेज में 1967-68 के सत्र में दाखिला लिया. यहां मोदी ने प्री-यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. दरअसल उस समय ग्रेजुएशन करने के पहले प्री-यूनिवर्सिटी करना जरुरी होता था. प्री-यूनिवर्सिटी आज के हिसाब से बारहवीं कक्षा हुई. विसनगर के साथ मोदी का पुराना संबंध रहा था. दरअसल विसनगर मोदी का ननिहाल हुआ करता था. 7. मोदी ने एम एन कॉलेज में प्री-यूनिवर्सिटी पाठ्यक्रम के तहत विज्ञान प्रवाह में प्रवेश लिया. यहां भी उनकी जन्म तारीख 29 अगस्त 1949 ही दर्ज हुई. खास बात ये है कि एम एन कॉलेज में प्रवेश के वक्त मोदी की शादी हो चुकी थी, क्योंकि रजिस्टर में उनकी वैवाहिक स्थिति शादीशुदा दर्ज की गई. 8. नरेंद्र मोदी 1967-68 के सत्र में प्री साइंस की परीक्षा नहीं दे पाए, क्योंकि उस साल उनकी हाजिरी कम थी. दरअसल यही वो वक्त था, जब वो घर छोड़कर निकल गए थे और काफी समय तक अहमदाबाद और राजकोट सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में भटकते रहे थे अपनी आध्यात्मिक यात्रा के तहत. ऐसे में मोदी 1968-69 के वर्ष में प्री-साइंस की परीक्षा दे पाए, जिसमें पहले सत्र में जहां उनकी 61 दिन की हाजिरी थी, तो दूसरे सत्र में 89 दिन की. 9. नरेंद्र मोदी ने मार्च-अप्रैल 1969 में प्री साइंस की परीक्षा दी, जिसमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलोजी जैसे विषयों के अलावा अंग्रेजी का भी पर्चा था. रोचक तथ्य ये है कि मोदी विज्ञान से जुड़े पर्चों में तो आसानी से पास हो गए, लेकिन अंग्रेजी में उन्हें ग्रेस मार्क्स से पास होना पड़ा. पांच नंबर का ग्रेस उन्हें इसके लिए मिला. उस वक्त भला ये किसे पता था कि ग्रेस मार्क्स से अंग्रेजी में उत्तीर्ण होने वाले मोदी प्रधानमंत्री के तौर पर दुनियाभर में अंग्रेजी में धमाकेदार भाषण करते दिखेंगे. 10. जिस एमएन कॉलेज से मोदी ने पढ़ाई की, उसी एमएन कॉलेज से आनंदीबेन पटेल ने जहां एमएससी किया, वही शंकरसिंह वाघेला ने भी पढ़ाई की. वाघेला मोदी के पहले वहां पढ़े. इस तरह एम एन कॉलेज गुजरात का वो कॉलेज बन गया, जिसने तीन-तीन मुख्यमंत्री दिये. 11. एम एन कॉलेज से 1969 में प्री-साइंस की परीक्षा में कामयाबी के बाद मोदी एक बार फिर अहमदाबाद आए. यहां आकर वो अपने मामा बाबूलाल हरगोविंददास मोदी की कैंटीन में काम करने लगे, जो शहर के गीता मंदिर इलाके में गुजरात स्टेट रोडवेज के बस अड्डे में थी. 12. कैंटीन में काम करते ही नरेंद्र मोदी और अंबालाल कोष्ठी का आपस में परिचय हुआ. कोष्ठी उस वक्त शहर के मणिनगर इलाके के कांकरिया वार्ड के जनसंघ के महामंत्री थे. कोष्ठी ही मोदी को लेकर संघ भवन भी गये, जहां मोदी का परिचय संघ के तत्कालीन प्रमुख प्रचारकों से हुआ, जिनमें प्रांत प्रचारक वकील साहब भी थे. 13. नरेंद्र मोदी संघ से जुड़ाव के शुरुआती वर्षों में विश्व हिंदू परिषद में भी सक्रिय रहे और इस दौरान अहमदाबाद शहर के जमालपुर इलाके में मौजूद जगन्नाथ मंदिर के सामने की एक इमारत के कमरे में रहे. उपर के कमरों में मोदी की रिहाइश और वीएचपी का कार्यालय था, तो नीचे भारत साइकिल नामक दो सिंधी भाइयों की साइकिल की दुकान.14. वीएचपी का काम करते हुए ही नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद शहर में गौ सेवा के काम की शुरुआत की और शहर के पान और किराना की दुकानों पर गायों की देखभाल के लिए दान पात्र के तौर पर पेटियों को रखने की शुरुआत की. मोदी सभी पेटियों से पैसे भी इकट्ठा करने के लिए साइकिल से घूमा करते थे. उस समय नये पैसे का चलन नहीं हुआ था, पुराने पैसों का जमाना था.
15. अहमदाबाद आने के बाद मोदी ने एक बार फिर से बीए की पढ़ाई करने की ठानी. ऐसा संघ के गुजरात प्रांत प्रचारक वकील साहब और वीएचपी के संस्थापक सदस्य और संस्कृत के विद्वान शास्त्री की प्रेरणा से हुआ.