Center Appoint ASG: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र में एनडीए की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में प्रतिनिधित्व के लिए छह सीनियर अधिवक्ताओं को अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) नियुक्त कर दिया है. सोमवार (नौ सितंबर, 2024) को जारी हुए कैबिनेट की नियुक्ति समिति के आदेश के अनुसार, एएसजी की नियुक्ति तीन साल की अवधि के लिए की गई है. हालांकि, यह आदेश 10 सितंबर को सामने आया है. आदेश के अनुसार, इस नियुक्ति में एस. द्वारकानाथ, अर्चना पाठक दवे, सत्य दर्शी संजय, बृजेंद्र चाहर, राघवेंद्र पी. शंकर और राजकुमार भास्कर ठाकरे (राजा ठाकरे) शामिल हैं. जिनको अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया है.


दरअसल, एएसजी सुप्रीम कोर्ट और कई हाई कोर्ट में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं, साथ ही सरकार का बचाव करने में अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल की मदद करते हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि नई नियुक्तियों से पहले सुप्रीम कोर्ट में पांच एएसजी थे और छह पद खाली थे. सॉलिटर जनरल की मदद के लिए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल होते हैं. एडिशनल सॉलिसिटर जनरल की संख्या चार होती है. इनका पद भी वैधानिक होता है और इनकी नियुक्ति कैबिनेट की अपॉइंटमेंट्स कमेटी की ओर से की जाती है.


कौन होते हैं अटॉर्नी जनरल? जानें


संविधान के अनुच्छेद 76 के मुताबिक, सरकार को कानूनी सहायता देने के लिए अधिकारी की नियुक्ति की जाती है. उसे अटॉर्नी जनरल के नाम से जाना जाता है. यह सरकार के पहले चीफ विधि अधिकारी होते हैं. इनकी योग्यता सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर होती है पर दोनों में बहुत फर्क होता है. भारत के किसी भी कोर्ट में यह सरकार का पक्ष रख सकते हैं. यह किसी व्यक्ति का भी मुकदमा लड़ सकते हैं, बर्शते वह सरकार के खिलाफ न हो.


सॉलिसिटर जनरल का क्या होता है काम?


चूंक, देश के सभी कानूनी मुद्दों को अकेले अटॉर्नी जनरल नहीं संभाल सकते हैं. ऐसे में उनकी सहायता के लिए सॉलिसिटर जनरल का पद बनाया गया है. इनकी संख्या एक होती है. यह देश के दूसरे कानून अधिकारी होते हैं पर यह सरकार को कानूनी सलाह नहीं देते हैं. सॉलिसिटर जनरल की नियुक्ति भी राष्ट्रपति ही करते हैं.


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