केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की तरफ से सोमवार (सात अक्टूबर, 2024) को टीबी रोगियों के लिए एक बड़ा फैसला किया गया है. टीबी उन्मूलन से संबंधित स्थायी विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्राप्ति में तेजी लाने के लिए कई महत्वपूर्ण पहल शुरू की हैं. इसमें सबसे बड़ी पहल के तहत निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत टीबी रोगियों को पोषण समर्थन 500 रुपए से बढ़ाकर 1,000 रुपए प्रति माह कर दिया गया है, जो इलाज की पूरी अवधि के लिए लागू होगा.  


सरकार ने बीएमआई 18.5 से कम वाले सभी रोगियों के लिए ऊर्जा घनत्व वाले पोषण सप्लीमेंट की शुरुआत की है और निक्षय मित्र पहल के दायरे और कवरेज को प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी रोगियों के परिवार के सदस्यों तक बढ़ाने की अनुमति दी है. अब सभी टीबी रोगी निक्षय पोषण योजना के तहत 3,000 से 6,000 रुपए का पोषण समर्थन प्राप्त करेंगे. एनपीवाई समर्थन में वृद्धि से एक साल में सभी 25 लाख टीबी रोगियों को लाभ होगा, जबकि ऊर्जा घनत्व वाले पोषण सप्लीमेंटेशन (ईडीएनएस) की शुरुआत से लगभग 12 लाख कमजोर रोगियों (बीएमआई 18.5 किग्रा/एम2 से कम) को फायदा होगा. 


केंद्र की पहल से टीबी रोगियों और उनके परिवारों की ओर से किए जाने वाले खर्चों में महत्वपूर्ण कमी ला सकता है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक निक्षय पोषण योजना के तहत सीधे लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 1.13 करोड़ लाभार्थियों को 3,202 करोड़ रुपए दिए गए हैं. इन उपायों से टीबी रोगियों के पोषण संबंधी सुधार, उपचार और परिणामों में सुधार और भारत में टीबी से होने वाली मृत्यु दर में कमी आने की उम्मीद है.


केंद्र-राज्य सरकारों के बीच बंटेगा खर्च


ईडीएनएस को सभी पात्र रोगियों को उनके इलाज के पहले दो महीनों के लिए प्रदान किया जाएगा. इस कदम से भारत सरकार को लगभग 1,040 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा, जो केंद्र और राज्यों के बीच 60:40 के अनुपात आधार पर साझा किया जाएगा.


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